कुलभूषण जाधव को दूसरी बार नहीं मिलेगी कॉन्सुलर एक्सेस, पाकिस्तान ने किया मना
क्या है खबर?
पाकिस्तान ने अपनी कैद में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दूसरी बार कॉन्सुलर एक्सेस देने से मना कर दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान को आदेश दिया था कि जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस दी जाए।
इसके बाद बीते दो सितंबर को भारतीय राजनयिक गौरव आहलूवालिया ने जाधव से मुलाकात की थी। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
पाकिस्तान ने कही थी यह बात
जाधव को पहली कॉन्सुलर एक्सेस के समय पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव को "राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप" राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई जा रही है।
ट्विटर पोस्ट
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
Dr Mohammad Faisal, Spokesperson, Ministry of Foreign Affairs, Pakistan: There would be no second consular access to Kulbhushan Jadhav. (file pic) pic.twitter.com/zthz4Zewfh
— ANI (@ANI) September 12, 2019
कॉन्सुलर एक्सेस
पहली कॉन्सुलर एक्सेस में क्या हुआ था?
पाकिस्तान में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर अहलूवालिया ने जाधव से मुलाकात की थी। दोनों के बीच यह बैठक लगभग दो घंटे तक चली थी।
जानकारी के अनुसार जाधव से उन्होंने लगभग दो घंटे तक बातचीत की। भारत की आपत्तियों के बावजूद इस बैठक के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी वहां मौजूद थे और बैठक की रिकॉर्डिंग की गई।
पाकिस्तान ने कहा कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए रिकॉर्डिंग की गई थी।
मुलाकात
पाकिस्तान के दबाव में है जाधव
जाधव की आहलूवालिया से बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया था।
इसमें कहा गया कि बैठक के दौरान जाधव काफी दबाव में लग रहे थे। उन पर पाकिस्तान के झूठे दावों को मानने का दबाव है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूरी रिपोर्ट आने के बाद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेशों के हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विदेश मंत्री ने इस बाबत जाधव की मां से बात की और मामले की जानकारी दी।
फैसला
क्या था अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का फैसला
बता दें, 49 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी।
इसके बाद भारत की तरफ से इस मामले में ICJ में अपील की गई। ICJ ने इस पर सुनवाई करते हुए जाधव की फांसी की सजा निलंबित कर दी थी।
अपने फैसले में ICJ ने पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को कहा था।
फैसला
ICJ ने कहा- पाकिस्तान ने किया विएना कन्वेंशन का उल्लंघन
ICJ ने अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान ने भारत और जाधव के काउंसर अधिकारों का उल्लंघन किया, जो विएना संधि के तहत उन्हें प्राप्त होते हैं।
कोर्ट ने कहा, "पाकिस्तान ने जाधव तक पहुंच और उससे संवाद करने, जेल में उससे मिलने और उसके कानूनी प्रतिनिधित्व के अधिकार से भारत को वंचित किया। ऐसा करने पाकिस्तान ने काउंसर संबंधों पर विएना संधि के नियमों का उल्लंघन किया।"
गिरफ्तारी
मार्च 2016 में पाकिस्तान ने किया था जाधव को गिरफ्तार
पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में जासूसी के लिए जाधव को पकड़ने का दावा किया था।
भारत ने जाधव को भारतीय नागरिक तो माना, लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया।
भारत का पक्ष है कि जाधव ईरान में अपना कारोबार चलाते थे, यहां से पाकिस्तान ने उनका अपहरण किया।
इसके बाद पाकिस्तान ने जाधव का वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वो भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते हैं।