ट्रम्प के प्रधानमंत्री मोदी को 'फादर ऑफ नेशन' कहने पर महात्मा गांधी के परपोते का जवाब
क्या है खबर?
भारत में 'फादर ऑफ नेशन' यानि राष्ट्रपिता सुनते है हम सभी के मन में देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाले महात्मा गांधी की छवि आती है।
इसलिए जब पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'फादर ऑफ नेशन' बताया तो कई लोगों की इस पर भौंहे तन गईं।
अब खुद महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने ट्रम्प के इस बयान का जवाब दिया है। उन्होंने क्या कहा, आइए जानते हैं।
बयान
तुषार बोले, जॉर्ज वॉशिंगटन की जगह खुद को रखेंगे ट्रम्प?
तुषार गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्रम्प से सवाल पूछा कि क्या वह खुद भी जॉर्ज वॉशिंगटन की जगह लेना चाहेंगे।
समाचार एजेंसी PTI के साथ बातचीत में तुषार ने कहा, "जो लोग 'फादर ऑफ नेशन' को बदलना चाहते हैं, उनका स्वागत है। ट्रम्प खुद को भी जॉर्ज वॉशिंगटन (अमेरिका के संस्थापकों में से एक) से बदलना चाहेंगे।"
बता दें कि वॉशिंगटन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति थे और उनका अमेरिका में महात्मा गांधी जैसा ही दर्जा है।
बयान
ट्रम्प ने क्या कहा था?
ट्रम्प ने पिछले मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्हें 'फादर ऑफ इंडिया' बताया था।
उन्होंने कहा था, "मुझे याद है कि मोदी के आने से पहले भारत कैसा था। वहां फूट थी, मारामारी थी। उन्होंने एक पिता की तरह सबको एक किया। वो फादर ऑफ इंडिया है। हम उनको फादर ऑफ इंडिया कहेंगे।"
उन्होंने कहा था कि वो मोदी को पसंद करते हैं और उनके दिल में उनके लिए बहुत सम्मान है।
बयान
"महात्मा गांधी की जयंती को धूमधाम से बनाने की योजना सांकेतिक"
59 वर्षीय तुषार गांधी, पत्रकार अरुण गांधी के बेटे, मणिलाल गांधी के पोते और महात्मा गांधी के परपोते हैं।
वह कांग्रेस के सदस्य हैं, लेकिन राजनीति में सक्रिय नहीं हैं।
अपने इंटरव्यू में उन्होंने महात्मा गांधी की 150वी जयंती और उनसे संबंधित मुद्दों पर भी राय रखी।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को भव्य तरीके से मनाने की मोदी सरकार की योजना 'मात्र सांकेतिक' है।
नाथूराम गोडसे
गोडसे पर बोले, समय तय करेगा क्या बेहतर है
भारतीय राजनीति के एक धड़े के महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करने पर तुषार ने कहा कि समय इस बात का आंकलन करेगा कि क्या बेहतर है।
उन्होंने कहा, "जो लोग घृणा और हिंसा की पूजा करते हैं, वो गोडसे की प्रशंसा कर सकते हैं। उन्हें लेकर मुझे कोई शिकायत नहीं है। यह उनका अधिकार है जैसे कि बापू की पूजा करना मेरा अधिकार है। मैं उनका स्वागत करता हूं।"
विचारधारा
"महात्मा गांधी की विचारधारा समय से परे"
तुषार ने कहा कि महात्मा गांधी के विचार और विचारधारा हर क्षेत्र, जीवन और प्रशासन, पर समान रूप से लागू हो सकते हैं, लेकिन दुखद है कि ऐसा हो नहीं रहा है।
उन्होंने कहा, "बापू महज संकेतों तक सिमट गए हैं जैसे करंसी नोट और स्वच्छ भारत अभियान के पोस्टरों तक।"
उन्होंने कहा कि समाज को ये समझने की जरूरत है कि महात्मा गांधी की विचारधारा समय से परे है और उसने दुनियाभर में जन आंदोलनों को प्रेरित किया है।
बयान
बढ़ रही महात्मा गांधी की विचारधारा की स्वीकार्यता- तुषार
तुषार ने कहा कि गांधी जी की विचारधारा में 'निरंतरता' है और ऐसे समय में पूरी दुनिया में इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है जब असहिष्णुता और चरमपंथी विचारधाराएं मजबूत होती जा रही हैं।