
IMF से पाकिस्तान को झटका, लोन की अगली किश्त जारी करने से पहले लगाई 11 शर्तें
क्या है खबर?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। IMF ने बैलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने से पहले पाकिस्तान पर 11 शर्तें लगा दी हैं। अगर पाकिस्तान इन शर्तों को पूरा करेगा तो ही उसे अगली किस्त मिलेगी।
इन शर्तों में बजट की संसदीय मंजूरी, बिजली उपभोक्ताओं पर लगने वाले कर्ज सेवा अधिभार में बढ़ोतरी और 3 साल से ज्यादा पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाना शामिल है।
शर्तें
पाकिस्तान पर लगीं ये शर्तें
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, IMF द्वारा लागू की गईं शर्तों में 17.6 लाख करोड़ रुपये के अगले बजट को संसदीय मंजूरी दिलाना, वित्त वर्ष 2026 का बजट संसद से पारित कराना, जिससे IMF के लक्ष्य जून, 2025 तक पूरा किया जा सके और कृषि आय कर पर नई नीति लागू करना शामिल है।
इसमें आयकर जमा करने, लोगों को कर के दायरे में लाने और जागरूकता फैलाने की योजना शामिल है। ये काम जून, 2025 तक करने होंगे।
ऊर्जा क्षेत्र
ऊर्जा क्षेत्र के लिए IMF की ये हैं शर्तें
IMF ने ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी भी कई शर्तें लगाई हैं।
1. एक जुलाई तक बिजली दरों में सालाना संशोधन लागू करना, ताकि लागत के मुताबिक कीमत तय हो सके।
2. 15 फरवरी, 2026 तक गैस दरों में छमाही संशोधन लागू करना, जिससे सब्सिडी खत्म हो सके।
3. सिल सशक्त उद्योगों को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ने के लिए कैप्टिव पावर लेवी को स्थायी कानून बनाना।
4. बिजली सेवा अधिभार पर 3.21 रुपये प्रति यूनिट की सीमा को खत्म करना।
कुल शर्तें
अब पाकिस्तान पर कुल 50 शर्तें
IMF ने ये भी चेतावनी दी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की मौजूदा स्थिति, विशेषकर हालिया सैन्य गतिविधियों को देखते हुए पाकिस्तान की राजकोषीय स्थिति, बाह्य खातों और आर्थिक सुधार कार्यक्रमों पर सीधा असर पड़ सकता है।
IMF ने कहा कि पिछले 2 हफ्तों में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ा, लेकिन बाजार की प्रतिक्रिया मामूली रही है।
इन नई शर्तों के साथ अब तक IMF द्वारा पाकिस्तान पर 50 शर्तें लगाई जा चुकी हैं।
विरोध
भारत कर रहा था बैलआउट पैकेज का विरोध
पहलगाम हमले के बाद भारत पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए बैलआउट पैकेज का विरोध कर रहा था। भारत ने पैकेज पर मतदान में भी हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि, IMF ने 130 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दे दी थी।
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि IMF को पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहयोग की राशि को आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करता रहा है।