म्यांमार में सेना और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष बढ़ा, 1,300 लोग थाइलैंड भागे
क्या है खबर?
म्यांमार में सेना और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष भड़क गया है। पूर्वी म्यांमार में विद्रोही गुटों ने 19 अप्रैल की देर रात सेना पर बमों और मशीनगनों से हमला किया था, जो आज भी जारी रहा।
इस दौरान करीब 1,300 लोग शरण लेने के लिए थाईलैंड में दाखिल हो गए हैं। सबसे ज्यादा संघर्ष म्यांमार की पूर्वी सीमा पर स्थित म्यावड्डी शहर में होने की खबरें हैं, जिस पर बीते दिनों विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया था।
हमला
200 छिपे हुए सैनिकों पर हमला कर रहे विद्रोही
बता दें कि कैरेन लड़ाकों ने पिछले हफ्ते म्यावड्डी और उसके आसपास म्यांमार सेना की आखिरी चौकी पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद ज्यादातर सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन करीब 200 सैनिक थाइलैंड सीमा पर बने एक पुल के पास छिप गए थे।
अब विद्रोहियों ने इन सैनिकों पर मशीनगनों से हमला किया है, जिसके कई वीडियो सामने आए हैं। विद्रोहियों ने करीब 20 बम भी दागे हैं।
पुलिस
थाइलैंड पुलिस बोली- लोगों को सुरक्षित क्षेत्र में ले जाएंगे
थाईलैंड के माए सोत जिले के पुलिस प्रमुख पित्तयाकोर्न फेटचारट ने कहा, "ताजा झड़पें सुबह शुरू हुईं, जब कैरेन लड़ाकों ने म्यांमार के सैनिकों के खिलाफ हमला किया, जो थाईलैंड के साथ व्यापार के लिए बने पुल के पास छिपे हुए थे। दोपहर बाद संघर्ष कम हुआ है, लेकिन अभी भी यहां छिटपुट गोलियों की आवाज सुन सकते हैं। थाईलैंड के अधिकारी लोगों को सुरक्षित क्षेत्र में ले जाने के लिए भागादौड़ी कर रहे हैं।"
सेना
विद्रोहियों के सामने कमजोर पड़ रही सेना
3 साल पहले म्यांमार की सत्ता पर कब्जा करने वाली सेना अब विद्रोहियों के सामने कमजोर पड़ रही है।
पिछले कुछ महीनों में विद्रोहियों ने चीन की सीमा से सटे शान और बांग्लादेश की सीमा से सटे रखाइन प्रांत के बड़े इलाके से सेना को खदेड़ दिया है।
अब म्यावड्डी पर विद्रोहियों का कब्जा सेना के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि थाइलैंड के साथ म्यांमार का ज्यादातर व्यापार इसी शहर से होता है।
बयान
थाईलैंड के प्रधानमंत्री बोले- स्थिति पर करीबी से नजर
थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने 'एक्स' पर लिखा, 'हम सीमा पर स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि ऐसी किसी भी झड़प का थाईलैंड की क्षेत्रीय अखंडता पर कोई प्रभाव पड़े और हम अपनी सीमाओं और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए तैयार हैं। साथ ही अगर जरूरी हो तो हम मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भी तैयार हैं।'
बता दें कि मार्च में थाइलैंड ने म्यांमार को मानवीय मदद भेजी थी।
वजह
म्यांमार में क्यों हो रही है हिंसा?
म्यांमार में संघर्ष की शुरुआत 2020 में हुए आम चुनावों के बाद हुई थी। इसमें लोकप्रिय नेता आंग सान सू की की पार्टी को जीत मिली थी, लेकिन सेना ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए तख्तापलट कर दिया।
इसके बाद देश में आपातकाल लगा दिया गया था, जिसकी अवधि बार-बार बढ़ाई गई। इसके खिलाफ और लोकतंत्र बहाली को लेकर विद्रोही गुट साथ आए और अब ये सेना से संघर्ष कर रहे हैं।