रोहिंग्या मुसलमान कौन हैं और उन्होंने भारत में शरण क्यों ली हुई है?
क्या है खबर?
भारत में रोहिंग्या मुस्लिम एक बार फिर से सुर्खियों में हैं और इस बार इसका कारण बना है उन्हें दिल्ली में फ्लैट प्रदान करने पर केंद्र सरकार का यू-टर्न।
पहले सरकार के एक मंत्री ने उन्हें बक्करवाला में EWS फ्लैट दिए जाने का ऐलान किया और फिर गृह मंत्रालय ने कहा कि ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है।
लेकिन आखिर रोहिंग्या मुसलमान हैं कौन और उन्होंने भारत में शरण क्यों ली है, आइए आपको बताते हैं।
परिचय
कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिम?
रोहिंग्या मुस्लिमों को दुनिया का सबसे ज्यादा प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदाय माना जाता है।
ये म्यांमार में रहते आए हैं जहां उनके खिलाफ दशकों से हिंसा हो रही है।
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या 10 लाख से ज्यादा है, हालांकि इनमें से ज्यादातर अत्याचार से बचने के लिए दूसरे देशों में भाग चुके हैं।
लेकिन इन देशों में भी उन्हें तमाम मुसीबतों का सामना करना पड़ता है और ज्यादातर देश उन्हें स्वीकार नहीं करते हैं।
अत्याचार
म्यांमार में क्यों होता है रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार?
बौद्ध बहुल म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं और उनमें से अधिकांश रखाइन प्रांत में रहते हैं।
म्यांमार सरकार रोहिंग्याओं को अवैध बांग्लादेशी प्रवासी बताती है और उन्हें अपना नागरिक नहीं मानती है।
1982 में नए नागरिकता कानून में सरकार ने केवल 40,000 रोहिंग्याओं को अपना नागरिक माना था, वहीं बाकियों को अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिये घोषित कर दिया था।
रोहिंग्या मुस्लिमों और म्यांमार के बौद्धों का हिंसक इतिहास भी है और इस कारण भी उन पर ज्यादा अत्याचार होता है।
हालिया इतिहास
रोहिंग्याओं के खिलाफ हाल ही में कब हिंसा हुई थी?
रोहिंग्या बहुलता वाले रखाइन में 2012 से ही उनके खिलाफ हिंसा जारी है जो 2017 में रोहिंग्या उग्रवादियों के सुरक्षाबलों पर हमला करने के बाद अपने चरम पर पहुंच गई थी।
इस हमले के बाद म्यांमार की सेना ने रोहिंग्याओं के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था। इसमें पूरे के पूरे गांवों को खाक कर दिया गया और हजारों परिवारों को मार दिया गया।
इस हिंसा के बाद सात लाख से अधिक रोहिंग्या भाग कर पड़ोसी देशों में चले गए थे।
आंकड़े
किस देश में कितने रोहिंग्या?
भारत और बांग्लादेश समेत तमाम देशों में अभी 9.80 लाख रोहिंग्या शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं।
इनमें से अधिकांश (9.19 लाख) बांग्लादेश के कोक्स बाजार इलाके में रहते हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे घनी आबादी वाला शरणार्थी कैंप है।
92,000 रोहिंग्या ने थाईलैंड में शरण मांगी है, वहीं इंडोनेशिया, नेपाल और इलाके के अन्य देशों में भी कम संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं।
भारत
भारत में रोहिंग्याओं की क्या स्थिति?
भारत में लगभग 16,000 ऐसे रोहिंग्या रहते हैं जिनके पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHRC) का शरणार्थी कार्ड है। हालांकि देश में कुल रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 40,000 के आसपास बताई जाती है जिनमें से अधिकांश जम्मू के आसपास रहते हैं।
इनमें से 21,000 आधिकारिक तौर पर भारत में शरण मांग चुके हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में लगभग 1,100 रोहिंग्या रहते हैं।
भारत में रहने वाले सभी रोहिंग्या गुजारा करने के लिए छोटी-मोटी मजदूरी करते हैं।
रुख
भारत सरकार का रोहिंग्याओं पर क्या रुख है?
मौजूदा भारत सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने की कोशिश कर रही है और उन्हें अवैध शरणार्थी बता चुकी है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के शरणार्थी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और वो UN के उस रुख का विरोध करता है जिसके तहत रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजना शरणार्थी नियमों के खिलाफ है।
रोहिंग्या शरणार्थियों का मसला भारत में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा है और सत्तारूढ़ भाजपा उन्हें "आतंकी गतिविधियों का संभावित केंद्र" बता चुकी है।