राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री के लिए भारत पहुंचा पहला VVIP विमान 'एयर इंडिया वन', जानिए क्या है खास
देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की सुरक्षा कौर मजबूत बनाने के लिए खास तौर पर तैयार कराए गए दो VVIP विमान 'एयर इंडिया वन' में से एक गुरुवार को अमेरिका से भारत पहुंच गया। शीर्ष अधिकारियों ने शाम को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान की अगवानी की। इस विमान में अति महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा के लिए तमाम आधुनिक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। इस विमान को वायु सेना के पायलट ही उड़ाएंगे।
इस तरह है विमान की बनावट और सजा-सज्जा
बाहर से यह विमान सफेद रंग का है और इस पर तिरंगे को दर्शाती तीन पट्टियां बनी हैं। विमान पर भारत और इंडिया लिखा है। वहीं इसकी टेल पर तिरंगा बनाया गया है। अभी तक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए बोइंग 747 का इस्तेमाल होता है। विदेश यात्राओं के लिए इस विमान का प्रयोग होता है। अब एयर इंडिया वन इसकी जगह लेगा। पहले यह विमान जुलाई में आना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण लेट हो गया।
भारत पहुंचा 'एयर इंडिया वन'
8,458 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कराए गए हैं दो विमान
बता दें कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्राओं को और सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए सरकार ने अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग से 8,458 करोड़ रुपये की लागत से दो बोइंग 777-300ER विमान तैयार करने का सौदा किया था। ये विमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उपयोग में लिए जाने वाले एयरफोर्स वन (बोइंग 747-200B) को कड़ी टक्कर देगा। दूसरे विमान के साल के अंत तक भारत पहुंचने की उम्मीद है।
कंपनी ने बोइंग-747 में संशोधन कर तैयार किया नया विमान
बता दें कि एयर इंडिया वन बोइंग-747 का बदला हुआ रूप है। बोइंग कंपनी ने हाल ही में इसकी बनावट और आंतरिक डिजाइन में बदलाव कर इसे बेहद आकर्षक रूप दिया था। इसके अलावा इसमें सुरक्षा के तमाम आधुनिक इंतजाम भी किए गए हैं।
एयर इंडिया ने बोइंग से किया था 68 विमान खरीदने का सौदा
नए विमानों की खरीद पर लंबे समय से चर्चा थी। सरकार ने टू-इंजन या फोर-इंजन विमानों के लिए बोइंग 747 की जगह बोइंग 777-300ER को चुना था। 2005 में एयर इंडिया ने बोइंग को 68 विमानों का ऑर्डर दिया। इसमें 27 ड्रीमलाइनर, 15 बोइंग 777-300ER, 8 बोइंग 777-200 LR और 18 बोइंग 737-800 शामिल हैं। 24 जनवरी, 2018 को तीन बोइंग 777-300ER भारत को मिल चुके हैं। इनमें से दो को VVIP मोडिफिकेशन के लिए दोबारा अमेरिका भेजा गया था।
एयरफोर्स वन होगा एयर इंडिया वन का नया कॉल साइन
इस विमान में लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर (LAIRCM) मिसाइल डिफेंस सिस्टम, सेल्फ प्रोटेक्शन सुइट (SPS) और आधुनिक कम्युनिकेशन सिस्टम लगाया गया है। इसका संचालन भारतीय वायुसेना करेगी। एयर इंडिया के विमान को वायुसेना के हवाले करने के बाद इसका नया कॉल साइन एयर इंडिया वन से बदलकर 'एयरफोर्स वन' हो जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विमान का नाम भी एयरफोर्स वन ही है। भारत दौरे पर उनके विमान की खासी चर्चा रही थी।
लगातार 17 घंटे की उड़ान भर सकता है 'एयर इंडिया वन'
बोइंग 747 को 10 घंटे की उड़ान के बाद ईंधन की जरूरत होती है। वहीं एयर इंडिया वन ईंधन भरने के बाद लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकता है। ऐसे में लंबी यात्राओं में उसे बीच में ईंधन की जरूरत नहीं होगी। इसमें हवा में ईंधन भरने की सुविधा भी है। इसके अलावा इनमें इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर जैमर लगाए गए हैं, जो दुश्मन के GPS और ड्रोन सिग्नल को ब्लॉक करने का काम करता है। यह बहुत जरूरी है।
विमान में लगे हैं सुरक्षित कम्युनिकेशन सिस्टम
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल को देखते हुए इन विमानों को खास तौर से तैयार किया गया है। विमान में आधुनिक और पूरी तरह सुरक्षित कम्युनिकेशन सिस्टम लगे हैं, जो ऑडियो और वीडियो कम्युनिकेशन की सुविधा देते हैं। इसे न तो हैक किया जा सकता है और न ही यह टैप हो सकता है। इस वजह से यह अमेरिकी एयरफोर्स वन की तरह उड़ान के समय भी कमांड सेंटर के तौर पर काम कर सकता है।
विमान में है केबिन, कॉन्फ्रेंस रूम और मेडिकल सेंटर
विमान के इंटीरियर को भी खास तौर से डिजाइन किया गया है। इसमें अति महत्वपूर्ण लोगों के लिए बड़े केबिन, छोटा मेडिकल सेंटर, कॉन्फ्रेंस रूम और आरामदायक सीटें लगाई गई हैं। विमान में प्रधानमंत्री के लिए विशेष दफ्तर और मीटिंग रूम की भी व्यवस्था है।
मिसाइलों को गच्चा दे सकता है विमान
विमान में लगा सेल्फ-प्रोटेक्शन सुइट दुश्मन की राडार फ्रीक्वैंसी को जाम कर सकता है, हीट को भांपकर पीछा करने वाली मिसाइलों को गच्चा दे सकता है। यह सब बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के किया जा सकता है। इसी तरह विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाने के लिए इसके डैनों में मिरर बॉल का इस्तेमाल किया गया है। इस विमान में ट्विन GE90-115 लगे हैं। यह 900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
नए विमानों का नहीं होगा व्यावसायिक उपयोग
अमेरिकी राष्ट्रपति के एयरफोर्स वन की तर्ज पर बोइंग 777-300ER का व्यावसायिक उपयोग बिल्कुल भी नहीं किया जाएगा। पहले बोइंग-747 का व्यावसायिक उपयोग भी होता था और VVIP के लिए भी इनका इस्तेमाल होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।