आस्ट्रेलियाई नागरिक था न्यूजीलैंड की मस्जिद पर हमला करने वाला आतंकवादी, ट्रम्प को मानता था आदर्श
न्यूजीलैंड में जिस आतंकवादी ने मस्जिद में हमला करके 49 लोगों की जान ली, वह आस्ट्रेलिया का नागरिक था। यह खुलासा खुद आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने किया। बता दें कि बंदूकधारी हमलावर ब्रेंटन टैरेंट ने क्राइस्टचर्च शहर के बीच में स्थित अल नूर मस्जिद और लिनवूड मस्जिद को निशाना बनाया था। हमलावर सेना की वर्दी में थे। खबर है कि पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
मॉरिसन ने की हमले की निंदा
पड़ोसी देश में हुई इस दुखभरी घटना पर आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, "हम एक अतिवादी, दक्षिणपंथी और आतंकवादी द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हैं।" उन्होंने इस दौरान हमलवार के आस्ट्रेलियन नागरिक होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलियन सुरक्षा अधिकारी देश और हमले में किसी भी तरीके के लिंक की जांच कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने हमलावर के बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया।
'हम एक परिवार की तरह'
हमले को लेकर भावुक नजर आए मॉरिसन ने न्यूजीलैंड के प्रति सहानभूति प्रकट की। उन्होंने कहा, "हम केवल सहयोगी और भागीदार नहीं हैं, हम परिवार हैं।" मॉरिसन ने कहा, "यह हमारे बीच में मौजूद दुखद और विनाशकारी बुराई की याद दिलाता है।" न्यूजीलैंड पुलिस ने बताया कि उन्होंने हमले के संबंध में 3 पुरुषों और 1 महिला को हिरासत में लिया था, लेकिन उन्होंने इसके बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने बताया काला दिन
वहीं, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने घटना पर बयान जारी करते हुए कहा, "क्राइस्टचर्च में मस्जिद में फायरिंग हुई है। यह न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक है। यह हिंसा की अभूतपूर्व घटना है।" हमले के बाद सेंट्रल क्राइस्टचर्च इलाके में मौजूद स्कूल, परिषद भवनों और सार्वजनिक स्थानों को बंद कर दिया गया है। साथ ही पुलिस ने देशभर की सारी मस्जिदों को बंद रखने की अपील की है।
ट्रम्प को आदर्श मानता था हमलावर
हमलावर टैरेंट से जुड़ी सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को आदर्श और श्वेत पहचान का प्रतीक मानता था। उसने हमले से पहले एक बेहद आपत्तिजनक घोषणापत्र 'दि ग्रेट रिप्लेसमेंट' जारी किया था, जिसमें उसने आंतकी हमलों में मारे गए यूरोपीय नागरिकों का बदला लेने और श्वेत वर्चस्व की बात कही थी। हमले के पीछे वजह बताते हुए उसने लिखा, "आक्रमणकारियों को दिखाना हैं कि हमारी भूमि कभी भी उनकी भूमि नहीं होगी।"
तुर्की को नाटो सेना में शामिल किए जाने के खिलाफ था हमलावर
इस घोषणापत्र में टैरेंट ने खुद को आस्ट्रेलिया का एक साधारण श्वेत बताया है, जिसका जन्म एक मजदूर परिवार में हुआ था। उसके माता-पिता ब्रिटिश मूल के हैं। उसका मानना है कि अगर श्वेत लोगों में जन्म दर नहीं बढ़ाई गई तो उनका विनाश निश्चित है। उसने नाटो देशों की सेना में तुर्की को शामिल किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि तुर्की यूरोप का दुश्मन है। उसने फ्रांस के उदारवादी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को श्वेत विरोधी बताया है।