स्वीडन की कंपनी का दावा- कोरोना को मुंह में खत्म कर सकती है कोल्डजाइम माउथ स्प्रे
क्या है खबर?
क्या कोरोना वायरस को मुंह में ही खत्म किया जा सकता है, जहां से वो इंसानी शरीर में प्रवेश करते हैं?
स्वीडन की एक कंपनी ने ऐसा दावा किया है। स्वीडिश कंपनी एंजाईमेटिका (Enzymatica) का कहना है कि कॉमन कोल्ड के इलाज के इस्तेमाल होने वाली माउथ स्प्रे कोल्डजाइम (ColdZyme) से कोरोना वायरस को मुंह में ही खत्म किया जा सकता है।
कंपनी का दावा है कि कोल्डजलाइम 98.3 प्रतिशत कोरोना वायरस को मुंह में निष्क्रिय कर देती है।
दावा
कोरोना समेत दूसरे वायरस के खिलाफ भी असरदार है कोल्डजाइम- कंपनी
कंपनी का कहना है कि माउथ स्प्रे ओरल कैविटी में एक अवरोधक का काम करती है, जो कॉमन कोल्ड से राहत दिलाने में सहायक होता है।
हाल ही में एक स्टडी में यह पाया गया है कि यह कोरोना वायरस जैसे दूसरे खतरनाक वायरस के खिलाफ भी कारगर साबित हो सकती है।
इस माउथ स्प्रे में ग्लिसिरोल और एटालांटिक कॉड ट्रिप्सिन जैसे तत्व होते हैं, जो वायरस से बचाव में काम आते हैं।
स्टडी
शरीर को नहीं पहुंचा कोई नुकसान- कंपनी
कंपनी ने अपने बयान में बताया, 'इस स्टडी का उद्देश्य कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने में कोल्डजाइम की क्षमता को जांचना था। टेस्ट के दौरान पता चला कि कोल्डजाइम ने 98.3 प्रतिशत कोरोना वायरस को खत्म कर दिया। साथ ही किसी भी स्तर पर इसकी वजह से कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। यह स्टडी अमेरिकी कंपनी माइक्रोबैक लैबोरेट्रीज की तरफ से की गई थी। यह एक स्वतंत्र और सर्टिफाइड लैबोरेट्री है।'
ट्रायल
कोल्डजाइक के क्लिनिकल ट्रायल की उम्मीद
कंपनी के मुख्य संचालन अधिकारी ने कहा कि यह भले ही इंसानी ट्रायल के दौरान भी ऐसे नतीजे देखने को न मिले, लेकिन यह रोचक है कि कोल्डजाइम कोरोना वायरस को निष्क्रिय कर सकती है। अब इसके सबूत हैं तो इसके क्लिनिकल ट्रायल किए जा सकते हैं। ऐसा लगता है कि कोल्डजाइम कोरोना वायरस से बचाव में मदद दे सकती है।
कंपनी ने बताया कि इसी तरीके से कोल्डजाइम दूसरे कोरोना वायरस से बचाव में कारगर साबित हुई थी।
दावा
वायरल लोड को कम करने में मदद करती कोल्डजाइम
कंपनी ने बताया कि कोरोना वायरस सबसे पहले गले में सक्रिय रूप से बढ़ता रहता है। हलके लक्षणों के दौरान भी यह तेजी से शरीर को अपना निशाना बनाता रहता है। इसलिए कोल्डजाइम को मुंह और गले में छिड़ककर कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है। यह वायरल लोड को कम कर देता है। इस वजह से वायरस तेजी से आगे नहीं बढ़ पाता और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
कोरोना वायरस
दुनिया भर में 1.47 करोड़ लोग संक्रमित
दूसरी तरफ पूरी दुनिया में कोरोना का प्रकोप बढता जा रहा है।
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अब तक 1.47 करोड़ लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से लगभग 6.1 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
सर्वाधिक प्रभावित देश अमेरिका में 38.30 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 1.41 लाख लोगों की मौत हुई है।
वहीं भारत में संक्रमितों की संख्या 11,55,191 हो गई है। इनमें से 28,084 की जान जा चुकी है।
वैक्सीन
वैक्सीन के शुरुआती ट्रायल ने जगाई उम्मीद
कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही दुनिया को बचाने के लिए इसकी वैक्सीन बनाने में जुटी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को बड़ी सफलता मिली है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से एस्ट्रेजेनेका के साथ मिलकर तैयार की गई वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 के क्लिनिकल ट्रायल 1/2 के प्रारम्भिक परिणाम में सुरक्षित साबित हुई है और उससे इम्युन सिस्टम बेहतर होने के भी संकेत मिले हैं।
मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित इसके प्रारम्भिक परिणामों में इसका खुलासा किया गया है।