
चीन और अमेरिका के बीच संघर्ष दुनिया के लिए असहनीय आपदा लाएगा- चीनी विदेश मंत्री
क्या है खबर?
चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू ने एशिया के शीर्ष सुरक्षा शिखर सम्मेलन में कहा कि चीन और अमेरिका के बीच संघर्ष दुनिया के लिए एक 'असहनीय आपदा' होगा। उन्होंने कहा कि चीन संघर्ष के बजाय बातचीत से विवाद सुलझाना चाहता है।
शांगरी-ला डायलॉग में बोलते हुए ली ने कहा कि चीन और अमेरिका के एक साथ बढ़ने के लिए दुनिया काफी बड़ी है।
बता दें कि पिछले एक हफ्ते में 2 बार अमेरिका-चीन आमने-सामने आ चुके हैं।
बयान
दुनिया के लिए असहनीय आपदा होगा टकराव- ली
ली ने कहा, "चीन और अमेरिका के पास अलग-अलग प्रणालियां हैं और कई मायनों में एक-दूसरे से अलग हैं। हालांकि, इससे दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और सहयोग को गहरा करने के लिए साझा जमीन और हितों की तलाश करने से नहीं रोकना चाहिए। यह निर्विवाद है कि चीन और अमेरिका के बीच एक गंभीर संघर्ष या टकराव दुनिया के लिए एक असहनीय आपदा साबित होगी।"
ली को इसी साल मार्च में रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया है।
मुद्दे
कई मुद्दों पर आमने-सामने हैं चीन और अमेरिका
बता दें कि ताइवान, दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवाद और सेमीकंडक्टर चिप निर्यात पर प्रतिबंध समेत कई मुद्दों पर चीन और अमेरिका के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं।
आज ही ताइवान की समुद्री सीमा में अमेरिका और चीन के युद्धपोत आमने-सामने आ गए थे। दोनों के बीच मात्र 150 मीटर की दूरी थी। अमेरिका के युद्धपोत के साथ कनाडा का युद्धपोत भी था।
इसके बाद चीन ने अमेरिका और कनाडा पर जानबूझकर जोखिम को भड़काने का आरोप लगाया।
टकराव
एक हफ्ते में चीन-अमेरिका के बीच दूसरा टकराव
बता दें कि इससे पहले 31 मई को अमेरिका ने कहा था कि चीन के लड़ाकू विमान ने दक्षिण चीन सागर के ऊपर अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उसके एक सैन्य विमान के पास अनावश्यक रूप से आक्रामक करतब दिखाए।
अमेरिकी कमांड ने एक बयान में कहा था, "चीन के J-16 विमान ने अमेरिकी वायुसेना के RC-135 विमान के पास अनावश्यक रूप से आक्रामक करतब दिखाए। चीनी पायलट ने कॉकपिट के सामने उड़ान भरी।"
वार्ता
चीनी रक्षा मंत्री ने अमेरिकी समकक्ष के साथ वार्ता का अनुरोध ठुकराया
बता दें कि शांगरी-ला डायलॉग में चीन और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों के बीच बैठक होनी थी।
अमेरिका ने रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ मुलाकात के लिए ली को प्रस्ताव भेजा था, जिसे चीन ने ठुकरा दिया था।
एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2021 के बाद से चीन ने अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन द्वारा वार्ता करने के लिए भेजे गए एक दर्जन से अधिक अनुरोधों का जवाब तक नहीं दिया है।
ताइवान
ताइवान को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद
ताइवान चीन के दक्षिण-पूर्वी तट से लगभग करीब 160 किलोमीटर दूर स्थित एक द्वीप है। चीन उसे अपना हिस्सा मानता है, वहीं ताइवान खुद को स्वतंत्र देश के तौर पर देखता है। उसका अपना संविधान है और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार है।
अमेरिका ने ताइवान को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन उसके ताइवान के साथ विस्तृत अनौपचारिक संबंध हैं।
बता दें, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में दबदबे के लिहाज से ताइवान रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है।