वुहान में एक साल बाद आए कोरोना के नए मामले, सभी निवासियों का होगा टेस्ट
एक साल से अधिक समय बाद कोरोना वायरस से संक्रमण के स्थानीय मामले सामने आने के बाद चीन ने वुहान के सभी निवासियों का टेस्ट करने का फैसला लिया है। शहर के अधिकारी ली ताओ ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि वुहान के लगभग 1.1 करोड़ निवासियों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किया जाएगा। ये दूसरी बार है जब वुहान के सभी नागरिकों का टेस्ट किया जा रहा है और पिछले साल मई में भी चीन ने ऐसा किया था।
वुहान में सोमवार को पाए गए थे सात नए मामले
एक साल से अधिक समय से कोरोना संक्रमण का कोई मामला नहीं आने के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए वुहान में सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के सात नए मामले सामने आए थे। ये सभी मामले शहर में रह रहे प्रवासी मजदूरों में पाए गए थे और ये स्थानीय प्रसार के मामले थे। वुहान के अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण के इन मामलों का संबंध एक ट्रेन स्टेशन से बताया था।
वुहान से ही शुरू हुई थी कोरोना वायरस महामारी
बता दें कि दुनियाभर में तबाही मचा रही कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत दिसंबर, 2019 में वुहान से ही हुई थी। शहर में सीफूड का एक बड़ा बाजार है। माना जाता है कि यहीं से ये वायरस या तो चमगादड़ से सीधा इंसान में आया या फिर चमगादड़ से किसी दूसरी प्रजाति और फिर उससे इंसान में आया। इसके अलाव शहर में स्थित कोरोना वायरस की लैब से वायरस लीक होने की संभावना भी जताई जाती है।
डेल्टा वेरिएंट के कारण चीन में बढ़ने लगे हैं मामले
चीन ने शुरूआत में ही वुहान समेत तमाम अन्य शहरों और इलाकों को पूरी तरह से बंद करके महामारी को अच्छे से काबू में कर लिया था और इसके बाद ही यहां कभी-कभी ही मामले सामने आते हैं। हालांकि अब डेल्टा वेरिएंट के कारण चीन में फिर से मामले बढ़ने लगे हैं और सोमवार को यहां 61 नए मामले सामने आए। ये हालिया कुछ महीनों में एक दिन में सामने आए सबसे अधिक नए मामले हैं।
लॉकडाउन जैसी पाबंदियां और टेस्टिंग से डेल्टा को काबू करने की कोशिश कर रहा चीन
बेहद संक्रामक माने जाने वाले डेल्टा वेरिएंट चीन के एक दर्जन से अधिक राज्यों के 20 से अधिक शहरों में पहुंच चुका है। वेरिएंट के इस प्रसार ने चीन को चिंता में डाल दिया है और वो फिर से कड़े कदम उठा कर इसे काबू में करने की कोशिश कर रहा है। जहां-जहां डेल्टा वेरिएंट के मामले सामने आए हैं, चीन ने उन इलाकों में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगा दी हैं और पूरे शहरों का टेस्ट किया जा रहा है।
कितना संक्रामक है डेल्टा वेरिएंट?
पहली बार भारत में पाया गया डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) बेहद संक्रामक वेरिएंट है। इसे यूनाइटेड किंगडम में पाए गए अल्फा वेरिएंट से 60 प्रतिशत अधिक संक्रामक माना जा रहा है, जबकि अल्फा खुद मूल कोविड-19 वायरस से लगभग 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। भारत में आई कोरोना की बेहद भीषण दूसरी लहर के पीछे इसी का हाथ था। ये अभी तक लगभग 124 देशों में पाया जा चुका है और ब्रिटेन के 99 प्रतिशत नए मामलों के लिए जिम्मेदार है।