मालदीव और भारत के विवाद से चीन ने झाड़ा पल्ला, कहा- दोनों में दूरी नहीं चाहते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की अभद्र टिप्पणियों को लेकर विवाद के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचे हैं। इस बीच चीनी मीडिया ने मालदीव और भारत के बीच चले रहे विवाद को उठाया है। इसमें कहा गया है कि भारत को मालदीव के साथ एक 'खुला दृष्टिकोण' रखना चाहिए और चीन त्रिपक्षीय सहयोग के लिए भी तैयार है।
भारत और मालदीव के बीच अच्छे संबंध चाहता है चीन- रिपोर्ट
चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित संपादकीय के अनुसार, चीन मालदीव-भारत के बीच मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों का सम्मान करता है और उसे पता है कि मालदीव के लिए भारत के साथ अच्छे संबंध कितने महत्वपूर्ण हैं। संपादकीय के अनुसार, चीन ने कभी भी मालदीव से भारत-चीन संघर्ष के कारण भारत से दूरी बनाने को नहीं कहा और न वो ऐसा करेगा। वह मालदीव-भारत के बीच सहयोग को अमित्रतापूर्ण या खतरे के रूप में भी नहीं देखता।
'चीन सभी दक्षिण एशियाई देशों के सहयोग का इच्छुक'
संपादकीय के अनुसार, चीन उसके, भारत और मालदीव के बीच त्रिपक्षीय सहयोग का इच्छुक है। भारत को अधिक खुला दृष्टिकोण रखना चाहिए क्योंकि दक्षिण एशियाई देशों के साथ चीन का सहयोग कोई 'जीरो-सम-गेम' नहीं है। इसमें कहा गया है कि सामान्य परिस्थितियों में जब कोई नया नेता सत्ता में आता है तो अधिक महत्व और तात्कालिकता के आधार पर मामलों का निपटाता है, इसलिए राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के बजाय अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए तुर्की को चुना था।
क्या होता है 'जीरो-सम-गेम'?
जीरो-सम-गेम' का आशय ऐसी स्थिति है, जहां एक देश का लाभ दूसरे देश के नुकसान के बराबर होता है। ये एक राजनीतिक विचार है। इसका मतलब है कि अगर एक देश जीतता है और दूसरा देश हारता है तो वैश्विक लाभ शून्य होता है।
राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के साथ कई समझौतों पर करेंगे हस्ताक्षर
चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू चीन दौरे पर अपने समकक्ष राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत करेंगे और कई मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। उन्होंने कहा कि चीन और मालदीव के संबंध एक नए ऐतिहासिक शुरुआती बिंदु पर हैं। PTI के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपनी पत्नी साजिदा मोहम्मद के साथ चीन के फुजियान प्रांत में जियामेन मुक्त व्यापार क्षेत्र का दौरा किया।
'इंडिया आउट' नीति के समर्थक हैं राष्ट्रपति मुइज्जू
मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है। उनके सत्ता में आने के बाद से भारत-मालदीव के रिश्तों में खटास आई है। सितंबर में हुए चुनाव में उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद की 'इंडिया फर्स्ट' पॉलिसी का विरोध किया था और 'इंडिया आउट' का नारा दिया था। मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद मालदीव ने देश में मौजूद भारतीय सैनिकों को हटाने का आदेश दिया था। चीन मालदीव में में निवेश करके प्रभाव बढ़ा रहा है।
क्या है मालदीव और भारत के बीच ताजा विवाद?
4 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप यात्रा की कुछ तस्वीरें साझा कीं और लोगों को यहां आने का न्योता दिया। इसके बाद मालदीव के 3 मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी की पोस्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। मामले में मालदीव सरकार ने पल्ला झाड़ते हुए इसे मंत्रियों का व्यक्तिगत राय बताया और उन्हें निलंबित कर दिया। भारत ने मालदीव से तीनों मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की है। कई भारतीय मालदीव का बहिष्कार कर रहे हैं।