कनाडा ने खालिस्तान समर्थकों को निशाना बनाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई के इस्तेमाल का आरोप लगाया
कनाडा और भारत के बीच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की रिपोर्ट के बाद विवाद छिड़ गया है, जिसमें अब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी आ रहा है। कनाडा सरकार का कहना है कि भारत सरकार के 'एजेंट' खालिस्तानी समर्थकों को निशाना बनाने के लिए बिश्नोई के गिरोह के साथ काम कर रहे थे। हालांकि, कनाडा ने इसका कोई सबूत नहीं दिया। यह आरोप तब सामने आया, जब मुंबई में बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में बिश्नोई के तार जुड़े हैं।
कैसे आया बिश्नोई का नाम?
RCMP द्वारा भारत पर आरोप लगाने के दौरान उनसे पूछा गया कि क्या विशेष रूप से सिख समुदाय के सदस्यों को भारतीय एजेंटों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है? इस पर RCMP की सहायक आयुक्त ब्रिगिट गौविन ने कहा, "हमने देखा कि RCMP के दृष्टिकोण से, वे संगठित अपराध तत्वों का उपयोग करते हैं। इसे सार्वजनिक रूप से एक संगठित बिश्नोई अपराध समूह द्वारा जिम्मेदार ठहराया गया। हमारा मानना है कि यह समूह भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा है।"
भारत और कनाडा का विवाद बढ़ा
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में RCMP की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें भारत सरकार के एजेंट्स पर सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप है। RCMP ने दावा किया कि उत्तरी अमेरिकी देश में 'हिंसक' कृत्यों को अंजाम देने में भारत सरकार का कथित संबंध है। कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों पर निज्जर हत्या मामले की जांच से जुड़े 'हितधारक व्यक्ति' होने का आरोप लगाया है।