ताइवान के बाद जापान में 6.1 तीव्रता का भूकंप
ताइवान में बड़े भूकंप के एक दिन बाद गुरुवार को जापान में भी एक बड़ा भूकंप आया। यह भूकंप देश के मुख्य द्वीप होन्शू के पूर्वी तट पर स्थित मियागी-केन प्रांत के पास आया। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र (EMSC) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.1 रही। इसका केंद्र जमीन के 40 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है। अभी तक भूकंप में जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है और ना ही सुनामी का अलर्ट जारी हुआ है।
राजधानी टोक्यो तक महसूस किए गए भूकंप के झटके
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भूकंप के झटके जापान की राजधानी टोक्यो तक महसूस किए गए। भूकंप वाले इलाके के पास ही फुकुशिमा परमाणु संयंत्र है। इसके संचालक टेपको ने कहा कि भूकंप के बाद संयंत्र या इलाके में कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई है। सोशल मीडिया पर ऐसे कुछ वीडियो भी साझा किए गए हैं, जिनमें भूकंप आते हुए देखा जा सकता है। बता दें कि जापान में भूकंप आए दिन आते रहते हैं।
ताइवान में भूकंप के बाद जापान में जारी हुआ था सुनामी का अलर्ट
बता दें कि कल बुधवार को जापान के पड़ोसी देश ताइवान में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके बाद जापान में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया था। देश की मौसम विभाग एजेंसी ने मियाको और येयामा द्वीपों से सुनामी की लगभग 3 मीटर ऊंची लहरें टकराने की आशंका जताई थी। कुछ जगहों पर सुनामी की एक फुट ऊंची लहरें उठीं। इस भूकंप में ताइवान में 9 लोग मारे गए थे और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए थे।
जापान में नए साल की शुरुआत में आए थे सैकड़ों भूकंप
जापान में इस साल की शुरुआत में भी एक दिन के अंदर 155 भूकंप आए थे, जिससे भारी विनाश हुआ था। इन भूकंपों में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, वहीं 200 से अधिक लापता हो गए थे। बता दें कि जापान में आए दिन भूकंप आते हैं, लेकिन लोगों ने इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है और भूकंप के लिहाज से ही घर बनाते हैं, जिसके कारण कम नुकसान होता है।
भूकंप के नजरिए से बेहद संवेदनशील है यह इलाका
बता दें कि ताइवान, जापान और इसके आसपास का पूरा इलाका भूकंप के नजरिए से बेहद संवेदनशील है। इसे 'रिंग ऑफ फायर' इलाका कहा जाता है। इसमें रूस, फिलीपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली और बोलिविया भी आते हैं। यहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ-साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, इसलिए यहां ज्यादा भूकंप आते हैं। दुनिया के 90 प्रतिशत भूकंप इसी इलाके में आते हैं।