जापान: इस शहर में रहने के लिए मिल रहे पैसे, फिर भी कोई नहीं आ रहा
जापान की जनसंख्या लगातार गिरती जा रही है। ऐसे में सरकार अलग-अलग योजनाएं लागू करके इससे उभरने की कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में अब जापान के वाकायामा प्रांत में स्थित कायनान शहर ने भी एक अनोखी योजना की पेशकश की है। इसके तहत एक खास उपनाम वाले परिवार को कम से कम 5 साल तक कायनान में रहना होगा। इसके बदले में यह शहर उस परिवार को 5.77 लाख रुपये देगा।
क्या हैं नियम?
जानकारी के मुताबिक, कायनान अपनी घटती आबादी को बढ़ाने के लिए नए निवासियों को लुभाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए शहर ने नए निवासियों को शहर में बसने के लिए 5.77 लाख रुपये देने का फैसला किया है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें हैं, जिनका पूरा होना जरूरी है तभी आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए लोगों को शहर में 5 साल तक रहना होगा और उनका उपनाम 'सुजुकी' ही होना चाहिए।
18 साल से कम उम्र के बच्चों को भी मिलेंगे पैसे
इस योजना का लाभ पाने के लिए जो भी परिवार ये साबित कर पाएगा कि उनका उपनाम सुजुकी है, उसे 5.77 लाख रुपये मिलेगा। इसके साथ ही 18 साल से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे को भी समान राशि दी जाएगी। इसका मतलब है कि अगर एक परिवार में 18 से कम उम्र के 2 बच्चे हैं तो उसे 17.33 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा पूरी राशि लेने के लिए परिवार को कायनान में 5 साल तक रहना होगा।
सुजुकी उपनाम वाले लोगों को ही क्यों चुना गया?
जानकारी के मुताबिक, सुजुकी जापान का दूसरा सबसे आम उपनाम है इसलिए उन्होंने योजना के लिए इस खास उपनाम को चुना है। इसके अलावा कायनान का भी सुजुकी के साथ जुड़ाव काफी आकर्षक है। दरअसल, यह शहर इस खास उपनाम का जन्मस्थान भी है।
शहर ने पहले भी सुजुकी उपनाम वाले लोगों को की थी लुभाने की कोशिश
इससे पहले 2021 में कायनान ने आबादी बढ़ाने के लिए सुजुकी उपनाम वाले लोगों को आकर्षित करने के लिए एक अभियान शुरू किया था। लगभग 7.50 लाख सुजुकी टोक्यो और पड़ोसी प्रांत चिबा, सैतामा और कानागावा में रहते हैं। उस समय अनुमान लगाया गया था कि इनमें से कुछ शहर में लौटेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अभी तक यहां एक भी ऐसा परिवार लौटकर नहीं आया है। सिर्फ एक व्यक्ति ने पूछताछ की, लेकिन वह आया नहीं।
क्या है शहर की स्थिति?
आंकड़ों के मुताबिक, जापान के सभी प्रांतों में जापानी निवासियों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। 2022 में जापानी नागरिकों की जनसंख्या घटकर 12.54 करोड़ रह गई। इसके अलावा यहां प्रजनन दर और जन्म दर भी सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। दूसरी ओर यहां विदेशियों की संख्या बढ़कर लगभग 30 लाख के उच्च रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इससे साबित होता है कि जापान पर घटती जनसंख्या का खतरा मंडरा रहा है।