स्कॉटलैंड: खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारा जाने से रोका, भारत ने जताई आपत्ति
क्या है खबर?
कनाडा के बाद अब यूनाडटेड किंगडम (UK) के स्कॉटलैंड में भी खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारतीय राजनयिक के साथ बदतमीजी का मामला सामने आया है।
UK में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को खालिस्तानी समर्थकों ने गुरुद्वारे में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
मामले को भारत सरकार ने नई दिल्ली में ब्रिटेन के उच्चायुक्त के सामने उठाया है और कड़ी आपत्ति जताई है।
मामला
क्या है मामला?
युनाइटेड किंगडम (UK) में भारत के राजदूत दोराईस्वामी को स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में आमंत्रित किया गया था। जब वे गुरुद्वारा पहुंचे तो उन्हें कार से नहीं उतरने दिया गया। इसके बाद राजदूत कार्यक्रम में शामिल हुए बिना ही रवाना हो गए।
वीडियो में एक शख्स कह रहा है, "मुझे नहीं लगता कि जो कुछ हुआ, उससे गुरुद्वारा समिति बहुत खुश है, लेकिन ब्रिटेन के किसी भी गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों का स्वागत नहीं है।"
वजह
क्यों रोके गए भारतीय उच्चायुक्त?
वीडियो में शख्स कह रहा है, "हम UK-भारत की मिलीभगत से तंग आ चुके हैं। हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से हालिया तनाव के कारण ब्रिटिश सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। अवतार सिंह खांडा और जगतार सिंह जोहल के साथ भी ऐसा ही है।"
बता दें कि जून में खालिस्तानी नेता अवतार सिंह खांडा की मृत्यु हो गई थी। खालिस्तानियों ने कहा था कि खांडा को भारत ने जहर देकर मारा है।
नेता
मनजिंदर सिंह सिरसा बोले- सिखों को बदनाम करने की कोशिश
मामले पर भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "किसी भी धर्म या समुदाय का व्यक्ति गुरुद्वारे में आ सकता है। हमारा धर्म हिंसा करना नहीं सिखाता है, बल्कि हम लोग वो हैं, जो मानवता की रक्षा करते हैं। भारतीय उच्चायुक्त के साथ स्कॉटलैंड में जो हुआ है, मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। गुरुद्वारा परमात्मा का घर है। यहां किसी भी प्रकार का भेदवाव नहीं किया जाता है। यही वजह है कि यहां 4 दरवाजे होते हैं।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत और कनाडा के बीच हालिया विवाद खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ है। भारत ने इन आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था और कनाडा से सबूत पेश करने को कहा था।
इसके बाद भारत-कनाडा में विवाद बढ़ता गया और दोनों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।