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CSIR ने कर्मचारियों से की सोमवार को बिना प्रेस वाले कपड़े पहनने की अपील, जानिए कारण
अब सोमवार को कर्मचारी पहनेंगे सिकुड़न वाले कपड़े (तस्वीर: पिक्सेल)

CSIR ने कर्मचारियों से की सोमवार को बिना प्रेस वाले कपड़े पहनने की अपील, जानिए कारण

लेखन सयाली
May 07, 2024
07:22 pm

क्या है खबर?

अब तक हमने 'कैजुअल फ्राइडे' ड्रेस कोड के बारे में सुना था, जिसे कई कॉरपोरेट कपंनियां अपनाती हैं। इसमें कर्मचारी शुक्रवार को अन-औपचारिक और आरामदायक कपड़े पहनकर ऑफिस जाते हैं। इसी कड़ी में अब वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने 'WAH सोमवार' अभियान शुरू किया है। इस अभियान में यह परिषद लोगों से सोमवार को बिना इस्त्री किए कपड़े पहनने की अपील रहा है। आइए इस मामले को विस्तार से जानते हैं।

मामला

जलवायु की रक्षा करने के लिए हो रही ये पहल 

CSIR भारत में अनुसंधान प्रयोगशालाओं का सबसे बड़ा नागरिक नेटवर्क है। इसके द्वारा शुरू किए गए 'WAH सोमवार' अभियान का मतलब है 'रिंकल अच्छे हैं'। इसका उद्देश्य लोगों को सोमवार के दिन सिलवट वाले कपड़े पहनने के लिए प्रेरित करना है। यह विचार जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रतीकात्मक लड़ाई में योगदान देने का एक प्रयास है। हफ्ते में एक दिन सिकुड़न वाले कपड़े पहनने से लोग इस्त्री का इस्तेमाल करना कम कर देंगे।

सचिव

CSIR की सचिव ने बताया WAH का उद्देश्य

CSIR की सचिव और पहली महिला महानिदेशक डॉ एन कलैसेल्वी का कहना है कि WAH सोमवार एक बड़े ऊर्जा साक्षरता अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा, "CSIR के कर्मचारियों ने सोमवार को बिना इस्त्री वाले कपड़े पहनकर जलवायु सुरक्षा में योगदान देने का फैसला किया। कपड़ों के एक सेट को इस्त्री करने से 200 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन होता है। इसके जरिए हम कार्बन डाइऑक्साइड को बढ़ने से रोक सकते हैं।"

प्रक्रियाएं

'स्वच्छता पखवाड़ा' का हिस्सा है WAH अभियान

'स्वच्छता पखवाड़ा' के हिस्से के रूप में 1-15 मई तक 'रिंकल्स अच्छे हैं' अभियान शुरू किया गया है। ऊर्जा बचाने की अपनी बड़ी पहल के हिस्से के रूप में, CSIR देश भर में सभी प्रयोगशालाओं में बिजली की खपत को कम करने के लिए कुछ मानक संचालन प्रक्रियाओं को लागू कर रहा है। इनमें देशभर के कार्यालयों पर बिजली शुल्क में 10 प्रतिशत की कमी का प्रारंभिक लक्ष्य रखा गया है।

जलवायु घड़ी

पृथ्वी दिवस पर CSIR मुख्यालय में लगाई गई जलवायु घड़ी 

इन प्रक्रियाओं को परीक्षण के आधार पर जून-अगस्त 2024 के बीच लागू किया जाएगा। 23 अप्रैल 2024 यानि पृथ्वी दिवस पर CSIR के मुख्यालय पर देश की सबसे बड़ी जलवायु प्रदूषण को दर्शाने वाली घड़ी लगाई गई है। इसके विषय में डॉ कलैसेल्वी ने कहा, " यह धरती और पर्यावरण को बचाने के लिए CSIR का छोटा-सा योगदान है।" इसी के चलते अब CSIR देशभर के कर्मचारियों से सोमवार के दिन सिकुड़न वाले कपड़े पहनने की अपील कर रहा है।