विज्ञान ने किया कमाल, हजारों साल पहले विलुप्त हुई इस भेड़िया प्रजाति को दोबारा किया जिंदा
क्या है खबर?
विज्ञान की तरक्की की गवाह तो पूरी दुनिया बन रही है। हालांकि, क्या आपने कभी सोचा था कि इसके जरिए एक दिन किसी विलुप्त जानवर को दोबारा धरती पर लाना संभव हो पाएगा?
यह चमत्कार असल में हो गया है। जी हां, टेक्सास की एक कंपनी ने 13 हजार साल पहले विलुप्त हो चुकी भेड़िए की एक प्रजाति को फिर से जिंदा कर दिया है।
आइए जानते हैं कि यह कमाल कैसे संभव हो सका।
भेड़िया
गेम ऑफ थ्रोन्स में दर्शाई गई थी यह प्रजाति
कोलोसल बायोसाइंसेज नाम की आनुवंशिक इंजीनियरिंग कंपनी ने इस चमत्कार को अंजाम दिया है। उन्होंने विज्ञान का सहारा लेते हुए 'डायर वुल्फ' नाम की प्रजाति को पुनः जीवित कर दिखाया है।
उनके 'डी-एक्सटिंक्शन' कार्यक्रम के तहत इस नस्ल के 3 नन्हें भेड़ियों को जन्म दिया गया है, जिनका नाम रोमुलस, रेमुस और खलीसी है।
आप सभी ने इस प्रजाति के भेड़ियों को मशहूर सीरीज गेम ऑफ थ्रोन्स में जरूर देखा होगा।
प्रक्रिया
जीवाश्मों से निकाला गया DNA आया काम
डायर भेड़िए को धरती पर वापस लाने के लिए कंपनी ने इस जानवर के प्राचीन जीवाश्मों से DNA निकाला।
इसके साथ ही, इस प्रजाति से मेल खाने वाली 'ग्रे भेड़िये' की नस्ल के DNA सैंपल भी लिए गए थे। इन दोनों के मेल के जरिए ही इन नन्हें भेड़ियों का जन्म हुआ है।
कोलोसल के CEO बेन लैम ने कहा, "हमारी टीम ने 13,000 साल पुराने दांत और 72,000 साल पुरानी खोपड़ी से DNA लिया और स्वस्थ डायर भेड़िए बनाए।"
जन्म
कुत्ते ने दिया है इन भेड़ियों को जन्म
इन प्यारे भेड़ियों को बनाने के लिए, कोलोसल ने दैहिक कोशिका परमाणु स्थानांतरण का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाली कोशिकाओं को अंडों में बदला।
उन्होंने इन अंडों को एक मादा कुत्ते के अंदर स्थापित किया, जिसने इन भेड़ियों को जन्म दिया। 3 भेड़िए अब 6 महीने के हो गए हैं, जिनमें से 2 भेड़िये नर हैं और एक मादा है।
मादा भेड़िए का नाम गेम ऑफ थ्रोन्स की प्रसिद्ध नायिका खलीसी के नाम पर रखा गया है।
देखभाल
इस तरह की जा रही है इन भेड़ियों की देखभाल
कोलोसल ने बताया कि अब ये तीनों भेड़िए 2,000 एकड़ तक फैले पारिस्थितिक संरक्षण में रहते हैं, जहां 10 कर्मचारी उनकी 24सों घंटे देखभाल करते हैं।
इन तीनों का एक प्यारा-सा वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ये दूध पीते, सोते, चिल्लाते और खेलते हुए नजर आ रहे हैं।
इन भेड़ियों का रंग पूरी तरह सफेद है और ये स्वाभाव से बेहद सक्रिय और चंचल लगते हैं। हालांकि, भेड़िए की इस प्रजाति को बेहद खतरनाक कहा जाता है।
प्रजाति
विशालकाय जानवरों का आसानी से शिकार कर लेते थे डायर भेड़िए
डायर भेड़िए बेहद खतरनाक शिकारी हुआ करते थे, जो हिमयुग के दौरान उत्तरी अमेरिका में घूमा करते थे।
वे इतने शक्तिशाली और तेज हुआ करते थे कि वे घोड़ों जैसे विशालकाय जानवरों का शिकार कर लेते थे। इनके विलुप्त होने के बाद ग्रे भेड़ियों ने इनकी जगह ले ली।
जीव वैज्ञानिकों का कहना है कि डायर भेड़िए ग्रे भेड़ियों की तुलना में 25 प्रतिशत बड़े होते हैं और उनके जबड़े व कंधे ज्यादा मजबूत हुआ करते थे।