कोटा: जेल के कैदी चलाते हैं पेट्रोल पंप, 8-10 लाख रुपये होती है रोजाना की कमाई
भारत में अपराधियों की मदद करने के लिए जेलों में कई कदम उठाए जाते हैं, जिनके तहत उनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाया है। ये कार्यक्रम कैदियों को विभिन्न उत्पादक गतिविधियों में शामिल करके उनके चरित्र को बदलने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसी कड़ी में राजस्थान स्थित कोटा की सेंट्रल जेल में कैदियों को एक रोजगार अवसर दिया गया है। यहां पर स्थित पेट्रोल पंप के कर्मचारी और कोई नहीं, बल्कि जेल के कैदी ही हैं।
पेट्रोल पंप के कर्मचारी रह चुके हैं संगीन अपराधी
भारतीय कानून के तहत अपराधियों को अच्छा इंसान बनने का मौका देना जरूरी होता है। इसके मद्देनजर ही कोटा की जेल में एक पेट्रोल पंप खोला गया है। इसकी खास बात यह है कि यहां काम करने वाले सभी लोग जेल के कैदी हैं, जो एक वक्त पर संगीन अपराधी हुआ करते थे। इस पेट्रोल पंप पर रोजाना कई लोग अपनी गाड़ियों में पेट्रोल भरवाने के लिए आते हैं। इस अनोखे पेट्रोल पंप की सभी लोग सराहना कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर साझा किया गया इस पेट्रोल पंप का वीडियो
अपराधियों द्वारा चलाए जा रहे इस पेट्रोल पंप की चर्चा होना तब शुरू हुई, जब इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया। 'वाइब ऑफ कोटा' नामक इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किए गए इस वीडियो को अबतक 6,47,000 लोग देख चुके हैं। वीडियो में लिखा गया है, 'कोटा जेल प्रशाशन की उन कैदियों को रोजगार देने की पहल, जिनका आचरण अच्छा है।' इस वीडियो पर लोग टिप्पड़ियों के जरिए जेल प्रशासन और कैदियों की सराहना कर रहे हैं।
जेल के अंदर कैदी काम करके पाल रहे परिवार का पेट
कोटा जेल प्रशासन ने कैदियों को रोजगार प्रदान करने के लिए जेल के अंदर ही कई कार्य योजना शुरु की हुई हैं। इन योजनाओं से जुड़कर सैकड़ों कैदियों को जेल के अंदर ही रोजगार मिला है। इसके कारण वे अपने परिवार का पेट पालने में संभव हो पा रहे हैं। इसके चलते ही जेल प्रशासन ने नए साल पर पेट्रोल पंप भी शुरु किया, जिसका नाम आशाएं रखा गया है।
रोजाना की कमाई है 8 से 10 लाख रुपये
आपको जानकार हैरानी होगी कि इस पेट्रोल पंप की एक दिन की कमाई करीब 8 से 10 लाख रुपये है। इस नेक कार्य के जरिए न केवल कैदियों को वित्तीय सहायता मिलती है, बल्कि उनका आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। जेल में रहते हुए पैसा कमा पाने से कैदियों को मूल्यवान महसूस होता है और उन्हें एक उद्देश्य मिलता है। वे ये बात समझ पाते हैं कि अपराध के रास्ते पर चलने के बजाए उन्हें नेक कार्य करने चाहिए।
कोटा के समान अन्य राज्य भी दे रहे हैं कैदियों को रोजगार
कोटा के समान तिरुवनन्तपुरम में भी अपराधियों को रोजगार का अवसर दिया गया है। यहां एक ब्यूटी पार्लर है, जो पूरी तरह से जेल के कैदियों द्वारा चलाया जाता है। साथ ही कोरोना के दौरान बढ़ती मांग के बीच केरल में जेल के कैदी फेस मास्क का निर्माण कर रहे थे। वहीं कुछ साल पहले, केरल की एक जेल में कैदियों द्वारा बनाई गई बिरयानी भी बेची जा रही थी, जो ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय बन गई थी।