बेंगलुरु में आज 'जीरो शैडो डे', हर चीज की परछाई हो जाएगी गायब
'जीरो शैडो डे' एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जिसके प्रभाव में आने वाले स्थान की हर चीज की परछाई गायब हो जाती है। यह घटना साल में 2 बार होती है और आज यानी 24 अप्रैल को बेंगलुरु में पहले जीरो शैडो डे का असर देखने को मिलेगा। शहर में यह घटना दोपहर 12:17 से 12:23 के बीच घटित होगी, जब सूर्य की स्थिति बिल्कुल चरम पर होगी और इससे सभी छायाएं गायब हो जाएंगी।
IIA ने आयोजित किया कार्यक्रम
इस दुर्लभ खगोलीय घटना के मौके पर बेंगलुरु के कोरमंगला में स्थित भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) अपने परिसर में कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। संस्थान सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक कई तरह की गतिविधियों का आयोजन करेगा, जिसमें जनता शामिल हो सकती है। प्रतिभागी वस्तुओं की बदलती छाया की लंबाई को देख और माप सकते हैं। इसके अतिरिक्त सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के झुकाव से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जीरो शैडो डे क्या है?
एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) के अनुसार, जीरो शैडो डे पर सूर्य कुछ समय किसी भी वस्तु की परछाई नहीं बनाता। इस समय यह ठीक ऊपर (चरम स्थिति) होता है और इसके चलते यह घटना होती है। जीरो शैडो डे साल में 2 बार ट्रॉपिक्स (कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच) की जगह पर पड़ता है। इन जगहों पर रहने वाले लोगों के लिए सूर्य का झुकाव उत्तरायण और दक्षिणायन दोनों के दौरान उनके अक्षांश के बराबर होता है।
ऐसा क्यों होता है?
इस घटना के पीछे का कारण है कि पृथ्वी की धुरी सूर्य के चारों ओर अपनी परिक्रमा के तल पर 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है, जिसके कारण अलग-अलग मौसम होते हैं। जीरो शैडो डे पर सूर्य दिन के अपने उच्चतम बिंदु पर खगोलीय भूमध्य रेखा के 23.5 डिग्री दक्षिण से भूमध्य रेखा (उत्तरायण) के 23.5 डिग्री उत्तर की ओर जाएगा और एक साल में फिर से (दक्षिणायन) वापस आ जाएगा।
बेंगलुरु के अलावा इन जगहों पर भी होता है जीरो शैडो डे
कन्याकुमारी में यह घटना 1 सितंबर को दोपहर 12:22 बजे घटित होगी, जबकि हैदराबाद में 9 मई को दोपहर 12:12 बजे और 5 अगस्त को दोपहर 12:19 पर शुरू होगी। मुंबई में यह घटना 15 मई को दोपहर 12:34 बजे और 27 जून को दोपहर 12:45 बजे शुरू होगी, जबकि अगली बार बेंगलुरु में 18 अगस्त को दोपहर 12:25 पर शुरू होगी।