कौन हैं भारतीय मूल के अमेरिकी गणितज्ञ सीआर राव, जिन्हें गणित का 'नोबेल पुरस्कार' मिलेगा?
कल्यामपुडी राधाकृष्ण (सीआर) राव एक जाने-माने भारतीय मूल के अमेरिकी गणितज्ञ और सांख्यिकीविद हैं। 75 साल पहले सांख्यिकी के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए एक ऐतिहासिक कार्य के लिए उन्हें 2023 में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा। इस कार्य ने सांख्यिकीय क्षेत्र में क्रांति ला दी थी। इस पुरस्कार को सांख्यिकी और गणित के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के बराबर माना जाता है। आइए आज सीआर राव और उनके कार्य के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पुरस्कार के साथ-साथ इनामी राशि भी दी जाएगी
सीआर राव की उम्र 102 साल है। उन्हें जुलाई में कनाडा के ओटावा में अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान की विश्व सांख्यिकी कांग्रेस में यह पुरस्कार दिया जाएगा। इस पुरस्कार के साथ-साथ राव को 80,000 डॉलर (लगभग 65 लाख रुपये) की इनामी राशि भी दी जाएगी।
राव का दशकों पुराना योगदान अभी भी विज्ञान पर गहरा प्रभाव
इंटरनेशनल प्राइज इन स्टैटिस्टिक्स फाउंडेशन ने बयान में कहा कि 75 साल पहले राव ने सांख्यिकीय क्षेत्र में ऐसा योगदान दिया, जो आज भी विज्ञान पर गहरा प्रभाव रखता है। उन्होंने आगे कहा, "कलकत्ता मैथमैटिकल सोसाइटी के बुलेटिन में 1945 में प्रकाशित उल्लेखनीय दस्तावेज में राव ने 3 मूलभूत परिणामों के बारे में बताया था। इन्होंने सांख्यिकी के आधुनिक क्षेत्र के लिए मार्ग प्रशस्त किया और सांख्यिकीय उपकरण प्रदान किए, जो आज भी विज्ञान में खूब इस्तेमाल किए जाते हैं।"
तेलुगू परिवार में जन्मे हैं राव
राव का जन्म 10 सितंबर, 1920 को कर्नाटक के हदगली में एक तेलुगू परिवार में हुआ था। उन्होंने आंध्र प्रदेश की गुदुर, नुज्विद, नंदीगामा और विशाखापत्तनम जैसे कई जगहों से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। राव के पास आंध्र विश्वविद्यालय से गणित में MSc और कलकत्ता विश्वविद्यालय से सांख्यिकी में MA की डिग्री है। इसके अलावा उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के किंग्स कॉलेज से PhD और DSs की डिग्री प्राप्त की।
इन जगहों पर कार्यरत हैं राव
वर्तमान समय में राव पेन्सिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एमेरिटस और बफेलो यूनिवर्सिटी में रिसर्च प्रोफेसर हैं। हालांकि, उन्होंने सबसे पहले कैम्ब्रिज में भारतीय सांख्यिकी संस्थान और मानव विज्ञान संग्रहायल में काम किया था। इसके बाद उन्होंने भारतीय सांख्यिकी संस्थान और विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों में निदेशक और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। इसके अलावा वह पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और पेन्सिल्वेनिया राज्य में विश्लेषण केंद्र के निदेशक के रूप में भी काम कर चुके हैं।
राव को अब तक मिल चुके हैं ये सम्मान
राव को अब तक कई सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें 1968 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और 2001 में पद्म विभूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया था और अब इस साल उन्हें गणित के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। आपको बता दें कि सांख्यिकी का यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार हर 2 साल में 5 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकी संगठनों के सहयोग से दिया जाता है। सांख्यिकी में पहला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2017 में डेविड आर कॉक्स को दिया गया था।