बुल्गारिया में पहली बार 'ऑरोरा बोरेलिस' से आसमान हुआ लाल, लोगों ने कहा- विनाश जैस दृश्य
यूरोपीय देश बुल्गारिया में बीते रविवार की शाम को पहली बार लाल रंग के 'ऑरोरा बोरेलिस' का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर लोगों को हैरान कर रही हैं। इस प्राकृतिक दृश्य को कई लोगों ने 'विनाशकारी' बताया तो कुछ इस रोमांचक घटना की सुंदरता से मोहित हो गए। मेटियो बाल्कन की रिपोर्ट के अनुसार, देश के लगभग सभी कोनों में फैलने से पहले ऑरोरा बोरेलिस पहली बार बुल्गारिया के उत्तर-पूर्वी हिस्से में दिखाई दिया था।
इन जगहों पर भी देखा गया ऑरोरा बोरेलिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये ऑरोरा बोरेलिस रोमानिया, हंगरी, चेक रिपब्लिक, यूक्रेन, पोलैंड और स्लोवाकिया में भी देखा गया। बीते शनिवार (4 नवंबर) की रात यूनाइटेड किंगडम (UK) में भी चमकदार हरे और लाल रंग के मिश्रण वाला ऑरोरा बोरेलिस दिखाई दिया था। इस साल की शुरुआत में भारत में पहली बार ऑरोरा बोरेलिस देखा गया था। यह दुर्लभ घटना लद्दाख में घटी थी, जिसने वैज्ञानिकों और आकाशदर्शियों को समान रूप से रोमांचित कर दिया।
देखें लाल रंग के ऑरेरा का मनमोहक दृश्य
ऑरेरा लाइट्स दिखाने के लिए पायलट ने विमान को 360 डिग्री घुमाया
इसी साल मार्च में ईजीजेट विमान के एडम ग्रोव्स नामक एक यात्री ने UK में ऑरोरा बोरेलिस देखने का अनुभव एक्स पर शेयर किया था। इसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा था, 'रेक्जाविक से मैनचेस्टर तक EZY1806 फ्लाइट के पायलट का धन्यवाद। उन्होंने विमान को 360 डिग्री पर घुमा दिया था, ताकि सभी यात्री अविश्वसनीय ऑरेरा लाइट्स देख सकें। इस दौरान केबिन की रोशनी भी कम कर दी गई थी।'
क्या होता है ऑरोरा बोरेलिस?
ऑरोरा बोरेलिस सूरज के भू-चुंबकीय तूफानों की वजह से होने वाली एक प्राकृतिक घटना है, जिसके कारण आसमान में विभिन्न रंग की झिलमिलाती रोशनी दिखाई देती है। यह नजारा वाकई बेहद खूबसूरत और मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। इसे मुख्य रूप से ध्रुवीय क्षेत्रों में देखा जाता है और इस बार इसका शानदार प्रदर्शन बुल्गारिया, हंगरी, पोलैंड और UK समेत कई यूरोपीय देशों के कई इलाकों में देखने को मिला।
कैसे उत्पन्न होता है ऑरोरा बोरेलिस?
वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों के मुताबिक, ऑरोरा बोरेलिस की उत्पत्ति इलेक्ट्रॉन और प्लाज्मा तरंगों के पास आने से होती है। इलेक्ट्रॉन और प्लाज्मा तरंगों के मिलने की ये प्रक्रिया पृथ्वी के बाहरी वातावरण के मैग्नेटोस्फेयर में होती है। साफ शब्दों में समझाएं तो इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन जो पृथ्वी के बाहर से प्रवेश करते हैं, पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल के कणों से टकराकर ऊपरी वायुमंडल के अणुओं और परमाणुओं को उत्तेजित करते हैं, जिनसे ये ऑरोरा बोरेलिस उत्पन्न होता है।