इस व्यक्ति की थी मानव इतिहास में सबसे लंबी नाक, 300 साल से बरकरार है रिकॉर्ड
क्या है खबर?
अभी तक आपने ऐसे कई अजीबोगरीब विश्व रिकॉर्ड के बारे में पढ़ा या सुना होगा, जिन पर यकीन कर पाना मुश्किल हो जाता है।
ऐसा ही एक कमाल का रिकॉर्ड दुनिया की सबसे लंबी नाक का है, जो पिछले 300 सालों में कोई नहीं तोड़ पाया है।
गिनीज बुक में शामिल इस रिकॉर्ड को बनाने वाले व्यक्ति का नाम थॉमस वेडर्स है, जिन्हें थॉमस वाडहाउट के नाम से भी जाना जाता है।
रिकॉर्ड
कितनी लंबी थी नाक?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, थॉमस इंग्लैड में रहते थे और वह 18वीं सदी के एक सर्कस कलाकार थे।
गिनीज बुक में उनका नाम अब तक के इतिहास में दुनिया में सबसे लंबी नाक वाले व्यक्ति के रूप में शामिल है।
उनकी नाक की लंबाई 7.5 इंच मापी गई थी, जो एक पेंसिल की लंबाई के बराबर है।
वह जहां भी जाते थे, उनकी लंबी नाक के कारण वह आकर्षण का केंद्र बन जाते थे।
लोकप्रिय
1780 में हो गया था थॉमस का निधन
1780 के दशक की शुरुआत में थॉमस का निधन हो गया था।
उनका अस्तित्व कैमरे से पहले का था, इसलिए उनकी नाक की वास्तविक लंबाई की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
हालांकि, उनकी नाक की लंबाई चाहे सही हो या नहीं, लेकिन वह इतनी बड़ी थी कि लोग उनकी तरफ आकर्षित हो जाते थे।
अपनी लंबी नाक की वजह से थॉमस इतने लोकप्रिय हो गए थे कि आज के समय में भी उन्हें याद किया जाता है।
किताब
किताब में भी हो चुका है थॉमस का जिक्र
थॉमस की मृत्यु के बाद 1896 में जॉर्ज गोल्ड और वाल्टर पाइल नामक लेखकों ने उनका उल्लेख 'एनोमलीज एंड क्यूरियोसिटीज ऑफ मेडिसिन' नामक किताब में किया था।
लेखकों ने इस किताब में थॉमस की नाक की लंबाई के अलावा उनके दिमागी रूप से कमजोर होने का संकेत भी दिया था।
उन्होंने कहा है कि थॉमस का दिमाग मूर्खता के सबसे निचले स्तर का था और इसी मनोस्थिति में उनकी मौत हुई।
प्रतिमा
मूर्ख होने के बावजूद थॉमस की लोकप्रियया नहीं हुई कम
किताब के अलावा शेरलॉक होम्स की 'द स्ट्रैंड मैगजीन' में भी थॉमस का जिक्र किया गया था।
उसमें लिखा गया था कि प्रकृति ने इस व्यक्ति को इतनी लंबी नाक तो दे दी, लेकिन उसे दिमाग देना भूल गया।
इन बातों के बावजूद इसके बावजूद लोग आज भी थॉमस की तरफ आकर्षित होते हैं। यहां तक कि उनकी मृत्यु के लगभग 250 साल बाद लंदन के एक म्यूजियम में उनकी मोम की प्रतिमा तक बनाई गई है।