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चिंपैंजी बीमार होने पर औषधीय पौधों के जरिए खुद ही करते हैं उपचार, अध्ययन में खुलासा
चिंपैंजी औषधीय पौधों के जरिए करते हैं अपना इलाज (तस्वीर: पिक्सेल)

चिंपैंजी बीमार होने पर औषधीय पौधों के जरिए खुद ही करते हैं उपचार, अध्ययन में खुलासा

लेखन सयाली
Jun 21, 2024
04:15 pm

क्या है खबर?

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और यूरोप, जापान, युगांडा के शोधकर्ताओं की एक अनुसंधान टीम ने पाया है कि चिंपैंजी अन्य जानवरों की तुलना में अधिक औषधीय पौधों का इस्तेमाल करते हैं। PLOL वन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के लिए चिंपैंजियों द्वारा इस्तेमाल किए गए 13 पौधों की प्रजातियों से 17 नमूने लिए गए थे। मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बिहेवियर की संज्ञानात्मक जीवविज्ञानी इसाबेल लॉमर का कहना है कि यह खोज जंगली चिंपैंजियों के चिकित्सकीय व्यवहार को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

अध्ययन

युगांडा में शोधकर्ताओं ने रखी चिंपैंजी के 2 समुदायों पर नजर

इस अनुसंधान दल ने युगांडा के बुडोंगो वन में 2 चिंपैंजी समुदायों का निरीक्षण करने के लिए वहां 4 महीने बिताए। दोनों समुदायों के 170 चिंपैंजी में से शोधकर्ताओं ने जीवाणु संक्रमण और सूजन से पीड़ित 51 चिंपैंजी का पता लगाया। उनकी पहचान असामान्य मूत्र संरचना, दस्त, परजीवी निशान या घावों से की गई थी। शोधकर्ताओं ने दिन में 10 घंटे तक इन बीमार चिंपैंजियों पर नजर रखी और देखा कि वे कब कौन-से पौधे खाते हैं।

औषधीय पौधे

चिंपैंजी अपनी तकलीफ के अनुसार खाते हैं पौधे

एक निरिक्षण में डायरिया से पीड़ित एक चिंपैंजी को अल्स्टोनिया बूनेई की सूखी लकड़ी खाते हुए देखा गया था, जो डॉगबेन परिवार का एक पौधा है। इस गतिविधि को निरीक्षकों ने असामान्य माना, क्योंकि इनकी पोषण की कमी के कारण चिंपैंजी शायद ही कभी मृत व सूखी लकड़ी खाते हैं। एक अन्य चिंपैंजी को हाथ में घाव होने के कारण क्रिस्टेला पैरासिटिका पौधे की पत्तियां खाते हुए देखा गया था, जो एक प्रकार की फर्न होती है।

परीक्षण

चिंपैंजियों द्वारा खाए जाने वाले पौधों का किया गया परीक्षण 

शोधकर्ताओं ने बीमार चिंपैंजियों द्वारा खाए गए सभी पौधों का एंटीबायोटिक और सूजनरोधी गुणों के लिए परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि अल्स्टोनिया बूनेई नामक पौधे में जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं और इसका उपयोग अफ्रीका में पारंपरिक उपचार के किया जाता है। इससे जीवाणु संक्रमण, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं, सर्पदंश और अस्थमा का इलाज किया जा सकता है। क्रिस्टेला पैरासिटिका फर्न में भी सूजनरोधी गुण पाए गए हैं, जो चिंपैंजियों के शरीर पर लगी चोट को ठीक कर सकते हैं।

संबंध

चिंपैंजी द्वारा उपयोग होने वाले पौधों का स्थानीय लोग भी करते हैं इस्तेमाल

13 में से 11 पौधों का उपयोग स्थानीय पारंपरिक उपचारों में किया जाता है। यह इस बात की पुष्टि करता है कि चिंपैंजी उपचार के लिए पौधों का उपयोग करते हैं। अध्ययन की प्रमुख लेखिका और ऑक्सफोर्ड की प्राइमेटोलॉजिस्ट एलोडी फ्रीमैन का कहना है कि स्वयं उपचार करना सभी 51 चिंपैंजियों के लिए प्रभावी साबित हुआ। हालांकि, अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ये पौधे सीधे तौर पर उपचार में योगदान देते हैं या नहीं।