आगरा: 'नरक पुरी, कीचड़ नगर, घिनौना नगर', परेशान निवासियों ने बदले कॉलोनियों के नाम
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से कई जगहों पर पानी भर गया है। जलभराव और खराब सड़क से लोग परेशान हैं। ऐसे में सड़क हादसे होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इन सब से परेशान होकर आगरा के लोगों ने अपनी कॉलोनियों के नाम बदल दिए हैं। कॉलोनियों के नए नाम नकर पुरी, कीचड़ नगर, घिनौना नगर, बदबू विहार, दुगंध शील, नाला सरोवर और उपेक्षित नगर आदि रखे गए हैं।
प्रशासन के कोई कार्रवाई न करने पर निवासियों ने बदले नाम
आगरा की कई कॉलोनियों के लोगों का कहना है कि वहां की सड़कें बहुत खराब हैं और बारिश का पानी जमा होने से आने-जाने का रास्ता बंद हो जाता है। इलाके में गंदगी फैल रही है और मच्छरों से बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है। जिला प्रशासन से शिकायत के बाद भी सड़कें ठीक नहीं हो रही हैं और कोई सुनवाई नहीं होने के कारण निवासियों ने कॉलोनियों के नाम बदले हैं।
कॉलोनी में 'रोड नहीं तो वोट नहीं मिशन 2024' के लगे पोस्टर
खराब सड़कें और जलभराव के कारण कॉलोनियों के कई घरों पर 'मकान बिकाऊ है' के अलावा 'रोड नहीं तो वोट नहीं मिशन 2024' के पोस्टर भी लगाए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर दीपक चाहर के घर के रास्ते की तरफ भी एक पोस्टर लगाया गया है। कॉलोनी की खराब स्थिति के विरोध में स्थानीय लोगों ने ऐसा किया है। उनका मानना है कि अपनी आवाज पहुंचाने के लिए उनके पास यही एक रास्ता बचा था।
नागरिकों की शिकायत के बाद भी प्रशासन ने नहीं दी तवज्जो
एक स्थानीय नागरिक ने कहा, 'हमें जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है। हमने सांसदों, विधायकों और सभी विभागों सहित हर जगह शिकायत की, लेकिन किसी ने हमारी शिकायत नहीं सुनी। नेता यहां सिर्फ वोट के लिए आते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। उन्हें हमारी दिक्कतों ने कुछ फर्क नहीं पड़ता।' लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की उपेक्षा के कारण उन्हें नरक जैसी जिंदगी जीनी पड़ रही है।
कर्नाटक में सामाजिक कार्यकर्ता ने सड़क पर लेट कर किया था प्रदर्शन
इससे पहले कर्नाटक के उड्डपी में सामाजिक कार्यकर्ता नित्यानंद वोलाकाडु ने इंद्राली पुल की सड़कों पर नारियल तोड़कर गड्ढों की आरती की और फिर उरुलु सेव करके विरोध प्रदर्शन किया था। उरुलु सेव एक अनुष्ठान है जिसमें लोग समाज के कल्याण के लिए मंदिरों के चारों ओर जमीन पर लेट कर घूमते हैं। यहां बगैर स्ट्रीट लाइट के खराब सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन प्रशासन ने इसे कोई तवज्जो नहीं देता।