क्या पेड़ बढ़ा रहे वायु प्रदूषण? नए अध्ययन में चौंकाने वाला दावा
क्या है खबर?
पेड़ों को वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ने का प्रमुख हथियार बताया जाता है, लेकिन इसके उलट एक अध्ययन से यह बात सामने आई कि अमेरिका के राज्य कैलिफोर्निया के सबसे बड़े शहर लॉस एंजिल्स में पेड़ प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं।
शहर में वाहनों की आवाजाही को कम करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने के बावजूद प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा था, जिस कारण यह अध्ययन किया गया और इसका नतीजा चौंका देने वाला रहा।
अध्ययन
पेड़ों से निकलने वाले टेरपेनोइड्स हैं प्रदूषण बढ़ाने का कारण
जर्नल साइंस में प्रकाशित यह अध्ययन पेड़ों में पाए जाने वाले टेरपेनोइड्स (कई प्रकार के रसायन) पर केंद्रित है, जो अन्य प्रदूषकों के साथ मिलकर उन्हें हानिकारक बना सकते हैं।
दरअसल, पेड़ों के टेरपेनोइड्स वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOC) ओजोन और सूक्षमकण प्रदूषकों का निर्माण करके वायु प्रदूषण पर प्रतिक्रिया करते हैं।
चिंता की बात ये है कि बढ़ते तापमान और सूखे के कारण पेड़ अधिक VOC उत्सर्जित करते हैं और इन दोनों कारकों ने लॉस एंजिल्स को प्रभावित किया।
तरीका
शोधकर्ताओं ने इस तरह से निकाला अध्ययन का नतीजा
इस अध्ययन के नतीजे पर पहुंचने के लिए साल 2021 में जर्मनी, कैलटेक, कोलोराडो और अमेरिका की राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) के शोधकर्ताओं ने VOC की सांद्रता को मापने के लिए मास स्पेक्ट्रोमीटर के साथ कई दिनों तक पूरे लॉस एंजिल्स पर एक विमान उड़वाया था।
इससे शोधकर्ताओं को पता चला कि टेरपेनोइड्स VOC ही प्रदूषण का सबसे बड़ा स्त्रोत थे और यह प्रभाव शहर के वनस्पति हिस्सों और सबसे गर्म दिनों में सबसे अधिक दिखा था।
जानकारी
पेड़ों के साथ मानव से जुड़े VOC भी हैं प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार
इतने प्रयास के बावजूद शोधकर्ता अभी यह पता नहीं लगा पाए हैं कि कौन-से पेड़ टेरपेनोइड्स के सबसे अधिक उत्सर्जन का कारण बन रहे हैं।
हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अधिक तापमान के बीच मानव से जुड़े VOC से भी प्रदूषण बढ़ा है, जिसमें गैसोलीन जैसे रसायनों से लेकर डिओडोरेंट जैसे उत्पाद तक शामिल हैं।
अध्ययन में शामिल ईवा फैनरस्टिल ने न्यू साइंटिस्ट को बताया कि सौंदर्य उत्पादों का प्रदूषण पर कम, लेकिन मापने योग्य प्रभाव होता है।
बयान
मनुष्यों ने पर्यावरण को पहुंचाया है भारी नुकसान- शोधकर्ता
शोधकर्ताओं का कहना कि पेड़ों के VOC को रोकना मुश्किल है, इसलिए मनुष्यों द्वारा उत्सर्जित VOC को रोकना जरूरी हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि यह अध्ययन इस बात पर जोर नहीं देता कि पेड़ खराब हैं, बल्कि यह बताता है कि मनुष्यों ने अपने पर्यावरण को कितना भारी नुकसान पहुंचाया है।
पिछले साल भी यह बात सामने आई थी कि जापान में देवदार और सरू के पेड़ों से निकलने वाले पराग कणों से लोग बीमार पड़ रहे थे।