ब्राजील: 12 वर्षीय बच्चे ने बनाई शानदार बॉडी, 'मिनी हल्क' के नाम से मिली पहचान
सिक्स पैक एब्स वाली बॉडी बनाने के लिए एक्सरसाइज, इंटेंस वर्कआउट और कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। ज्यादातर लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं, लेकिन ब्राजील में 12 वर्षीय कौजिन्हो नेटो नामक बच्चे ने कम उम्र में ही जबरदस्त बॉडी और एब्स बना लिए हैं। ऐसी बॉडी देखकर हर कोई हैरान है और लोग उन्हें 'मिनी हल्क' के नाम से बुलाने लगे हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
ऐसा है बॉडी बिल्डर कौजिन्हो का वर्कआउट रूटीन
सोशल मीडिया पर साल्वाडोर निवासी कौजिन्हो का वर्कआउट करते हुए वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर लोग इस बच्चे की फिटनेस के दीवाने हो गए हैं। कैजिन्हो सुबह 5:30 बजे उठकर 5 किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं। इसके बाद वह सिट अप्स करके स्कूल के लिए तैयार होते हैं। वहीं शाम को वह दिन का अपना दूसरा वर्कआउट शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं, सोने से पहले रात करीब 9 बजे कौजिन्हो वेट ट्रेनिंग सेशन भी करते हैं।
90 किलोग्राम से ज्यादा वजन के साथ डेडलिफ्ट करते हैं कौजिन्हो
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कौजिन्हो वर्कआउट के दौरान 90 किलोग्राम से ज्यादा के वजन के साथ डेडलिफ्ट करते हैं। यह उनके वजन से लगभग 3 गुना ज्यादा है। मौजूदा वक्त में कैजिन्हो का वजन 37 किलोग्राम है। कैजिन्हो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वर्कआउट करते हुए वीडियो भी शेयर करते रहते हैं, जिसे देखकर यूजर्स हैरान रह जाते हैं। इन वीडियोज में वो डेडलिफ्ट, स्क्वैट्स, बेंच प्रेस और बाइसेप्स कर्ल जैसी एक्सरसाइज करते हुए नजर आते हैं।
कौजिन्हो ने कम समय में ही बनाई मजबूत बॉडी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रेनिंग शुरू करने के एक साल बाद ही कौजिन्हो ने अपनी लंबाई 13 सेंटीमीटर बढ़ा ली है। इसके साथ ही उन्होंने जल्दी ही अपनी मांसपेशियों को मजबूत भी बना लिया था। इस कारण वह साल्वाडोर में आयोजित कई वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भी भाग ले चुके हैं। इसके अतिरिक्त कौजिन्हो की अपनी ट्रेनिंग टीम भी है, जिसमें एक कोच, डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट और न्यूट्रिशनिस्ट भी शामिल हैं।
कौजिन्हो ने 2021 में शुरू किया था जिम
कौजिन्हो के पिता कार्लोस पितंगा फिल्हो 2021 में उन्हें अपने साथ जिम ले गए थे और तभी से उन्हें बॉडीबिल्डिंग करने का शौक लग गया। कार्लोस ने कहा, "कौजिन्हो को पहले फुटबॉल का शौक हुआ करता था, लेकिन जब से वह मेरे साथ क्रॉसफिट जाने लगा है, उसके अंदर कई बदलाव हुए हैं। 15 दिनों की ट्रेनिंग में ही कौजिन्हो ने उन तकनीकों को सीख लिया था, जो महीनों से ट्रेनिंग ले रहे छात्र नहीं कर पाते हैं।"