कोवैक्सिन की दो करोड़ खुराकें खरीदेगा ब्राजील, भारत बायोटेक के साथ किया सौदा
ब्राजील भारत में बनाई गई कोरोना वायरस की 'कोवैक्सिन' वैक्सीन की दो करोड़ खुराकें खरीदेगा। ब्राजीली स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरूवार को इस संबंध में भारत बायोटेक के साथ सौदा किया। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उसने 29 करोड़ डॉलर (लगभग 21 अरब रुपये) में यह सौदा किया है और उसे मार्च से मई के बीच में ये खुराकें मिलेंगी। पहली 80 लाख खुराकों के मार्च में ब्राजील पहुंचने की उम्मीद है।
वैक्सीनों की कमी के कारण आलोचनाओं के केंद्र में है ब्राजीली सरकार
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह से प्रभावित ब्राजील वैक्सीनों की कमी की समस्या से जूझ रहा है और इसके कारण वहां की सरकार आलोचनाओं के केंद्र में है। इन आलोचनाओ के बीच हाल ही में सरकार ने नीलामी की प्रक्रिया को खत्म करते हुए वैक्सीन खरीद के नए नियम जारी किए थे और अब उसने भारत बायोटेक से समझौता किया गया है। इस समझौते के तहत ब्राजील को कोवैक्सिन की एक खुराक 1,050 रुपये में पड़ेगी।
कोविशील्ड की 20 लाख खुराकें ब्राजील भेज चुका है भारत
बता दें कि भारत इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड वैक्सीन की 20 लाख खुराकें भी ब्राजील भेज चुका है। ब्राजीली राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करने के बाद भारत ने इन खुराकों को भेजा था।
ब्राजील में क्या है कोरोना वायरस महामारी की स्थिति?
ब्राजील में कोरोना वायरस का बड़ा प्रकोप देखने को मिला है और वह संक्रमितों की संख्या के मामले में तीसरा और मौतों के मामले में दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है। अभी तक देश में लगभग 1.04 करोड़ लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 2.51 लाख लोगों की मौत हुई है। यहां हालिया समय में मामले फिर से बढ़े हैं और गुरूवार को यहां 1,541 की मौत हुई जो एक दिन में हुई दूसरी सबसे अधिक मौतें हैं।
पूरी तरह से स्वदेशी है कोवैक्सिन
बता दें कि भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सिन को विकसित किया है और ये पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है। इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है। इसके लिए ICMR ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था, जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की। 26,000 लोगों पर वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल अभी जारी है और ये कितनी प्रभावी है ये पता नहीं लगा है।
ट्रायल पूरे हुए बिना मंजूरी दिए जाने के कारण विवादों में है कोवैक्सिन
कोवैक्सिन को भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है और अभी इसका उपयोग भी किया जा रहा है। हालांकि तीसरे चरण के ट्रायल पूरे हुए बिना इसे मंजूरी देने पर सवाल भी उठे हैं और इसके कारण इस वैक्सीन पर लोगों को भरोसा कम हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली समेत कई जगह स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर कोवैक्सिन लगवाने से इनकार कर चुके हैं और ट्रायल पूरे होने के बाद ही इसे लगवाने की बात कही है।