एक बार फिर भावुक हुए युवराज सिंह, कहा- सोचा नहीं था टीम से ड्रॉप हो जाऊंगा
सीमित ओवरों के फॉर्मेट में भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी रहे युवराज सिंह एक बार फिर अपने करियर की बात करते हुए भावुक हो गए। अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को 2011 विश्व कप जिताने वाले युवराज सीमित ओवर के फॉर्मेट में भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाज़ों में शुमार किए जाते हैं। लगभग चार महीने पहले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले युवराज ने अपनी रिटायरमेंट पर अब चुप्पी तोड़ी और बताया कि आखिर क्यों उन्होंने यह फैसला लिया।
कभी नहीं सोचा था कि इस तरह टीम से ड्रॉप किया जाएगा- युवराज
हिन्दी न्यूज़ चैनल 'आज तक' को दिए इंटरव्यू में युवराज ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि 8-9 मैचों में दो बार 'मैन ऑफ द मैच' बनने के बाद भी मुझे अचानक इस तरह टीम से ड्रॉप कर दिया जाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "मैं चोटिल हो गया था, लेकिन मुझसे कहा गया कि आप श्रीलंका सीरीज़ के लिए तैयार रहें, लेकिन फिर अचानक यो-यो टेस्ट सामने आ गया। मेरे चयन में यह यू-टर्न था।"
टीम प्रबंधन को लगा था मैं यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाऊंगा- युवराज
युवराज ने आगे कहा, "36 साल की उम्र में मुझे अचानक टीम से बाहर होना पड़ा और यो-यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी। इसके बाद जब मैंने यो-यो टेस्ट भी पास कर लिया, तो मुझसे कहा गया कि मुझे घरेलू क्रिकेट खेलना पड़ेगा।" उन्होंने आगे कहा, "टीम प्रबंधन को लगा था कि मैं इस उम्र में यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाऊंगा और उन्हें मुझे टीम से निकालने में आसानी होगी। हां, आप कह सकते हैं यह एक बहाना था।"
हर खिलाड़ी को उसके भविष्य के बारे में बताना चाहिए- युवराज
इसके साथ ही युवराज ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास की एक बड़ी खामी के बारे में भी बात की। युवराज ने कहा कि खेल के अंतिम दिनों में वरिष्ठ खिलाड़ियों को टीम प्रबंधन द्वारा विश्वास में नहीं लिया गया। उन्होंने इस बीच वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान का नाम लिया उन्होंने कहा, "हर खिलाड़ी को उसके भविष्य के बारे में बताना चाहिए। मुझे भी नहीं बताया गया, यही एक चीज है जो भारतीय क्रिकेट में नहीं होती है।"
वापसी के बाद इस तरह रहा था युवराज सिंह का प्रदर्शन
2013 में भारतीय टीम से बाहर होने के बाद युवराज ने सभी मुश्किलों को मात देते हुए 2017 में भारतीय टीम में वापसी की। इस दौरान उन्होंने वनडे क्रिकेट की 10 पारियों में 41.33 की औसत से 372 रन बनाए। इस बीच उनका स्ट्राइक रेट भी लगभग 100 के आस-पास ही रहा। 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ युवी की 150 रनों की पारी को शायद ही कोई कभी भूल पाएगा, लेकिन फिर भी वह टीम से बाहर कर दिए गए।
इसके बाद युवराज सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास का फैसला
बता दें कि लगातार टीम से बाहर रहने के बाद युवराज ने 10 जून, 2019 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। लेकिन युवराज ने यह फैसला क्रिकेट खेलने के लिए ही लिया था। इसके बाद वह कनाडा ग्लोबल टी-20 लीग खेले थे।
टी-20 में 6 गेंदो पर 6 छक्के लगाने वाले पहले खिलाड़ी हैं युवराज
बतौर बल्लेबाज़ युवराज के नाम कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं, लेकिन युवी का नाम सुनते ही सभी के ज़ेहन में 2007 टी-20 विश्व कप के उनके 6 गेंदो में 6 छक्के याद आ जाते हैं। 19 सितंबर, 2007 को जब इंग्लैंड की टीम ने उन्हें छेड़ दिया तो उसका गुस्सा युवी ने तेज़ गेंदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के लगाकर निकाला। युवराज के ही नाम टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में सबसे तेज़ (12 गेंद) अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड है।
युवराज सिंह के अंतर्राष्ट्रीय करियर पर एक नज़र
2011 विश्व कप में भारत की जीत के हीरो रहे युवराज ने अकेले दम पर भारत को कई मैच जिताए हैं। भारत के लिए 2000 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरूआत करने वाले युवराज के नाम 40 टेस्ट में 1,900 रन और 9 विकेट हैं। वनडे क्रिकेट में युवी ने 304 मैचों में 14 शतक और 52 अर्धशतकों के साथ 8,701 रन और 111 विकेट अपने नाम किए हैं। 58 टी-20 में युवराज के नाम 1,177 रन और 28 विकेट हैं।
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