दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले यो-यो टेस्ट को और कठिन बनाना चाहते हैं शास्त्री
भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के रूप में रवि शास्त्री अपनी दूसरी पारी शुरु करने के लिए तैयार हैं। शास्त्री की इस पारी में भारतीय टीम के खिलाड़ियों के फिटनेस पर खासा ध्यान रखा जाएगा। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शास्त्री भारतीय टीम में चयन के लिए उपयोग में लाई जाने वाली यो-यो टेस्ट में बदलाव करने के मूड में हैं। शास्त्री इस टेस्ट को पास करने के अंक को बढ़ाकर 17 करने पर विचार कर रहे हैं।
यो-यो टेस्ट पास करने के लिए जरूरी अंक बढ़कर हो जायेंगे 17
सूत्रों की मानें तो शास्त्री यो-यो टेस्ट को पास करने के लिए जरूरी अंकों को 16.1 से बढ़ाकर 17 करने पर विचार कर रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि शास्त्री जल्द ही सभी शेयरधारकों के साथ एक मीटिंग करके इस बारे में फैसला ले सकते हैं। सूत्र ने कहा, "इंटरनेशनल लेवल पर हिस्सा लेने के लिए फिटनेस काफी जरूरी चीज है और इसकी क्वालिफिकेशन 17 की जा सकती है।"
इस तरह लिया जाता है खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट
यो-यो टेस्ट की शुरुआत डेनमार्क फुटबॉल के फिजियो जेंग्स बांग्स्बो ने की थी और फिर इसे हॉकी और क्रिकेट में भी इस्तेमाल किया जाने लगा। इस टेस्ट के लिए 20 मीटर की दूरी पर दो कोन रखे होते हैं जिनके बीच खिलाड़ियों को दौड़ लगानी होती है। एक कोन से दूसरे कोन पर पहुंचते ही एक बीप बजती है जिसके बाद खिलाड़ी को वापस आना होता है। इसी प्रकार सॉफ्टवेयर बताता है कि खिलाड़ी फिट है या अनफिट।
2017 में अनिवार्य हुआ था यो-यो टेस्ट
ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट टीम ने सबसे पहले इस टेस्ट का इस्तेमाल करना शुरु किया था और फिर 2017 में भारतीय टीम ने भी इसे अनिवार्य कर दिया था। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और अंबाती रायडू जैसे खिलाड़ी इस टेस्ट में फेल हो गए थे। इसके अलावा संजू सैमसन भी टेस्ट में फेल हुए थे और इंडिया ए की टीम में शामिल नहीं हो सके थे। युवराज सिंह भी इस टेस्ट में फेल हो चुके हैं।