क्या भारतीय क्रिकेट टीम में सफल रहेगी स्प्लिट कैप्टेंसी?
भारतीय क्रिकेट टीम में स्प्लिट कैप्टेंसी को लेकर लंबे समय से डिबेट चल रही है। हाल ही में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर होसैन ने कहा था कि भारतीय टीम स्प्लिट कैप्टेंसी नहीं चल सकती क्योंकि विराट कोहली हमेशा अपना दबदबा बनाए रखने वाले इंसान हैं। हालांकि, आंकड़ों के मुताबिक भारतीय टीम ने टी-20 क्रिकेट में रोहित शर्मा के अंडर ज़्यादा सफलता हासिल की है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि क्या स्प्लिट कैप्टेंसी सफल रहेगी।
2017 से तीनों फॉर्मेट के कप्तान हैं कोहली
2017 में तीनों फॉर्मेट का कप्तान बनने के बाद विराट कोहली ने बेहद कम टी-20 सीरीज़ ही मिस किए हैं। उन्होंने पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज़ मिस की थी जिसमें रोहित शर्मा ने टीम को लीड किया था। भारत ने अपनी सरजमीं पर श्रीलंका को 3-0 से हराया था। हालांकि, इस बात में कोई शक नहीं है कि आगामी टी-20 विश्वकप में कोहली ही भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे।
कप्तान के तौर पर काफी सफल रहे हैं रोहित
रोहित ने इंटरनेशनल क्रिकेट में खूब सफलता हासिल की है। उन्होंने 2019 में मुंबई इंडियंस को रिकॉर्ड चौथा IPL खिताब जिताया था। तीनों फॉर्मेट में उनका अनुभव कोहली से कम नहीं है। रोहित की कप्तानी में भारत ने 2018 में निदहास ट्रॉफी का खिताब जीता था तो वहीं उन्होंने वेस्टइंडीज, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ भी सीरीज़ जीती है। रोहित ने भारत को एशिया कप टी-20 का खिताब भी जिताया है।
सफल रही भारत के लिए स्प्लिट कैप्टेंसी
पिछले समय में दो कप्तान रखने का फैसला भारतीय टीम को काफी रास आया है। 2014-15 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के साथ ही एमएस धोनी ने टेस्ट की कप्तानी विराट को सौंप दी थी, लेकिन 2017 तक वह टी-20 और वनडे में टीम के कप्तान बने रहे। उस समय भारत ने द्विपक्षीय सीरीज़ में खेले मैचों के दौरान 14 टेस्ट, 13 वनडे और आठ टी-20 मैच जीते थे।
रोहित और कोहली की कप्तानी में ऐसा रहा है भारत का प्रदर्शन
रोहित की कप्तानी में भारत ने 19 में से 15 टी-20 जीते हैं जबकि चार में उन्हें हार मिली है। कोहली के अंडर भारत ने 37 में से 22 टी-20 जीते हैं और 11 में उन्हें हार मिली है।
रोहित को कप्तान बनाकर कम किया जा सकता है कोहली का भार
विराट कोहली ने हमेशा माडर्न क्रिकेट में भारतीय क्रिकेटर्स के वर्कलोड को लेकर बात की है। रोहित को कप्तान बनाकर कोहली के ऊपर से कप्तानी के भार को थोड़ा कम किया जा सकता है। इस मूव से कोहली का इंटरनेशनल करियर और बड़ा हो सकता है। 2021 टी-20 विश्वकप को देखते हुए रोहित कप्तान के तौर पर कोहली को रिप्लेस करने के आदर्श विकल्प हैं।
स्प्लिट कैप्टेंसी से हो सकता है वैचारिक मतभेद
टेस्ट क्रिकेट में हालिया सफलता के साथ रोहित टेस्ट में ओपनिंग करने के लिए भारत के फेवरिट बन चुके हैं। कोहली और रोहित अब तीनों फॉर्मेट में बराबर भार झेलेंगे। स्प्लिट कैप्टेंसी से विचारों में मतभेद आ सकता है, लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इस विकल्प को बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत भी ऐसा करने पर विचार करेगा अथवा नहीं।
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