कनेरिया का हिंदु होने के कारण पाकिस्तान टीम में भेदभाव का आरोप, जानिए दिग्गजों की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख्तर के दानिश कनेरिया को लेकर खुलासे के बाद अब कई पूर्व पाक क्रिकेटरों ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अख्तर ने कहा था कि दानिश कनेरिया के हिंदू होने के कारण पाकिस्तान टीम में उनके साथ भेदभाव हुआ। इसके बाद कनेरिया ने खुद भी सामने आकर अख्तर की बात का समर्थन किया था। अब इस मामले में धर्म परिवर्तन करने वाले मोहम्मद यूसुफ समेत कई पूर्व क्रिकेटरों ने प्रतिक्रिया दी है।
जानिए क्या था पूरा मामला?
हाल ही में शोएब अख्तर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा था। वीडियो में शोएब अख्तर कह रहे थे कि दानिश कनेरिया के साथ पाकिस्तान टीम में भेदभाव होता था, क्योंकि वह हिंदू थे। इतना ही नहीं, अख्तर ने यहां तक कहा कि कई क्रिकेटर कनेरिया के साथ खाना भी नहीं खाते थे। इस कारण अख्तर की कई बार लड़ाई भी हुई है। वीडियो में अख्तर कनेरिया का सपोर्ट करते दिख रहे थे।
कनेरिया ने अख्तर को दिया था धन्यवाद, कही थी कई खुलासे करने की बात
इसके बाद दानिश कनेरिया ने एक वीडियो जारी कर अख्तर की बातों का समर्थन करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया था। कनेरिया ने कहा था कि शोएब भाई ने मेरे बारे में जो कहा वो सब सच है। कनेरिया ने कहा था, "खेलते वक्त मेरे अंदर इसपर बोलने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन अब मैं मुझे सपोर्ट नहीं करने वालों के नाम पब्लिक करूंगा।" कनेरिया ने आगे कहा कि पाकिस्तान के लिए खेलना मेरे लिए सौभाग्य और गर्व की बात है।
जावेद मियांदाद बोले- भेदभाव होता तो 10 साल नहीं खेल पाते दानिश कनेरिया
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर दानिश कनेरिया के साथ भेदभाव किया जाता, तो वह देश के लिए 10 साल टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाते। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने उसे इतना कुछ दिया और तभी वह 10 साल तक पाकिस्तान के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला। अगर धर्म कोई मुद्दा होता तो क्या ऐसा संभव हो पाता? पाकिस्तान क्रिकेट में हमने कभी धर्म को लेकर पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनाया।"
धर्म परिवर्तन करने वाले मोहम्मद यूसुफ बोले- पाक टीम में मिलता था बहुत प्यार
पाकिस्तान के लिए बतौर ईसाइ 1998 में डेब्यू करने वाले यूसुफ योहाना (अब मोहम्मद यूसुफ) ने भी शोएब अख्तर के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। यूसुफ ने ट्वीट करते हुए कहा, "मैं पाकिस्तानी टीम में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के बारे में की गई टिप्पणियों की निंदा करता हूं। मैं टीम का सदस्य रहा हूं और मुझे हमेशा टीम, प्रबंधन और प्रशंसकों से बहुत प्यार मिला है। पाकिस्तान जिंदाबाद।" बता दें कि यूसुफ ने 2004 में इस्लाम धर्म अपनाया था।
पाकिस्तान टीम में किसी गैर-मुस्लिम के साथ भेदभाव नहीं हुआ- इंजमाम
पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक ने भी अख्तर के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इंजमाम ने कहा कि जब मैं दानिश कनेरिया के साथ खेला, तो मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया। उन्होंने कहा, "दानिश कनेरिया ने जिसकी कप्तानी में सबसे ज्यादा खेला, वह मैं था। मुझे कभी नहीं लगा कि हमारी टीम में कोई ऐसा है, जो किसी भी खिलाड़ी के गैर-मुस्लिम होने पर उसके साथ भेदभाव करता है।" कनेरिया ने भी कहा था कि इंजमाम ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया।
पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलने वाले दूसरे हिंदू क्रिकेटर थे दानिश कनेरिया, ऐसा रहा करियर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दानिश कनेरिया पाकिस्तान के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले दूसरे हिंदू खिलाड़ी थे। कनेरिया से पहले अनिल दलपत पहले हिंदू थे, जिन्होंने पाकिस्तान के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेला था। 2000 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले कनेरिया के नाम 61 टेस्ट में 261 विकेट हैं। कनेरिया ने पाकिस्तान को कई टेस्ट अकेले दम पर जिताए थे। वहीं 19 वनडे मैचों में कनेरिया के नाम सिर्फ 15 विकेट हैं।
स्पॉट-फिक्सिंग के कारण खत्म हुआ कनेरिया का करियर
2009 में कनेरिया पर काउंटी खेलते वक्त स्पॉट-फिक्सिंग में शामिल होने और अन्य खिलाड़ियों को इसमें शामिल करने का लालच देने का आरोप लगा था। कनेरिया पर आरोप था कि उन्होंने मर्विन वेस्टफील्ड को एक ओवर में 12 देने के लिए राजी किया था। इसके बाद वेस्टफील्ड को चार महीनों की जेल और पांच साल का सस्पेंशन दिया गया था। वहीं, कनेरिया ने सालों तक खुद को बेकसूर बताने के बाद 2018 में स्पॉट-फिक्सिंग में शामिल होना कबूल किया था।