कब-कब वैश्विक चीजों के कारण ओलंपिक पर पड़ा असर?
कोरोना वायरस का संकट पूरे विश्व में गहराता जा रहा है और इससे संक्रमित लोगों की संख्या छह लाख से ज़्यादा हो चुकी है। इस जानलेवा वायरस के प्रभाव को देखते हुए ही ओलंपिक 2020 को एक साल के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। इतिहास में ओलंपिक को स्थगित करने या रद्द करने के मामले बेहद कम ही देखे गए हैं। आइए एक नजर डालते हैं ओलंपिक का आयोजन कब और क्यों रद्द या स्थगित हुआ।
प्रथम विश्वयुद्ध के कारण रद्द हुआ 1916 ओलंपिक
1916 ओलंपिक का आयोजन जर्मनी में कराया जाना था। खेलों के आयोजन के लिए जर्मनी ने बर्लिन में 30,000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला भव्य स्टेडियम भी बनवाया था। हालांकि, 1914 में ही प्रथम विश्वयुद्ध शुरु हो गया और इसका व्यापक असर ओलंपिक पर पड़ा। दरअसल ओलंपिक में अपने एथलीट्स को भेजने वाले ज़्यादातर देश विश्व युद्ध में शामिल थे और इसी कारण 1916 ओलंपिक को रद्द करना पड़ा था।
हिटलर ने पोलैंड पर किया आक्रमण, रद्द हुआ 1940 ओलंपिक
1940 के समर और विंटर दोनों ओलंपिक का आयोजन जापान में कराया जाना था। हालांकि, 1937 में चीन के साथ युद्ध करने के कारण जापान से आयोजन के अधिकार को छीन लिया गया था। इसके बाद समर ओलंपिक को फिनलैंड और विंटर को जर्मनी में कराने का निर्णय लिया गया। हालांकि, 1939 में हिटलर के पोलैंड पर चढ़ाई कर देने के कारण 1940 ओलंपिक को रद्द करना पड़ा था।
1948 में लंदन ने जर्मन और जापानी एथलीट्स को किया बैन
1944 समर ओलंपिक का आयोजन लंदन में कराया जाना था, लेकिन उन्हें चल रहे दूसरे विश्व युद्ध के कारण रद्द करना पड़ा था। इटली में होने वाले 1944 विंटर ओलंपिक के साथ भी ऐसा हुआ था। लंदन ने 1948 में ओलंपिक का आयोजन किया, लेकिन उन्होंने जर्मन और जापानी एथलीट्स को इसमें हिस्सा लेने से रोक दिया था। इस दौरान इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) भी इस मामले में कोई दखल नहीं दे सकी थी।
1972 में पलीस्तनी आतंकवादियों ने 11 इजराइली एथलीट्स को मौत के घाट उतारा
1972 में पलीस्तीन के आतंकवादियों ने जर्मनी के ओलंपिक विलेज में इजराइली कंपाउंड पर हमला कर दिया था। उन्होंने दो इजराइली एथलीट्स को मार डाला और नौ को बंधक बना लिया था। बंधक बनाए गए सभी नौ एथलीट्स को भी मौत के घाट के उतार दिया गया था। खेलों के आयोजन को निरस्त करने की बजाय IOC ने दो दिन के निलंबन के बाद इन्हें जारी रखने का फैसला लिया था।