धोनी से तुलना पर पंत बोले- मैं भारतीय टीम में अपना नाम बनाना चाहता हूं
हाल ही में समाप्त हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 में भारत के युवा खिलाड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन किया, जिसमें ऋषभ पंत प्रमुख रहे। इस सीरीज में पंत भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। विकेटकीपर बल्लेबाज पंत की तुलना धोनी से होती रही है। इस बीच उनका कहना है कि वह भारतीय टीम में अपना नाम बनाना चाहते हैं और धोनी से उनकी तुलना सही नहीं है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है।
मैं नहीं चाहता कि मेरी तुलना किसी से की जाए- पंत
ऑस्ट्रेलिया दौरे में कमाल करने के बाद भारतीय टीम स्वेदश लौट आई है। भारत पहुंचकर पंत ने कहा, "जब आप मेरी तुलना एमएस धोनी जैसे बड़े नाम से करते हैं तो यह शानदार लगता है। लेकिन मैं नहीं चाहता कि मेरी तुलना किसी से की जाए। मैं भारतीय क्रिकेट में अपना नाम बनाना चाहता हूं और इस चीज पर ही फोकस कर रहा हूं। एक युवा खिलाड़ी के साथ लेजेंड की तुलना करना सही नहीं है।"
टेस्ट सीरीज में ऐसा रहा पंत का प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पंत ने उम्दा प्रदर्शन किया और तीन मैचों में 68.5 की औसत से 274 रन बनाए। वह इस सीरीज में भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। इस बीच उन्होंने 97 के उच्चतम स्कोर के साथ दो अर्धशतक भी लगाए। बता दें आगामी टेस्ट सीरीज के लिए भारत ने शुरुआती दो मुकाबलों के लिए टीम घोषित की है, जिसमें पंत चुने गए हैं।
अपने टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ 13वें रैंकिंग पर पहुंचे पंत
ऋषभ पंत ने चौथे ब्रिसबेन टेस्ट की दूसरी पारी में नाबाद 89 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत दिलवाई। अच्छे प्रदर्शन के बाद वह अब अपने टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ 13वें रैंकिंग पर पहुंच गए हैं और मौजूदा टेस्ट रैंकिंग में बेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। अपनी रैंकिंग को लेकर पंत ने आगे कहा, "मुझे अच्छा लग रहा है लेकिन मैं रैंकिंग के बारे में नहीं सोचता। मेरा एकमात्र काम भारत के लिए अच्छा खेलना और मैच जीतना है।"
पंत की पारी ने मुझे हेडिंग्ले में बेन स्टोक्स की याद दिला दी- लैंगर
ब्रिसबेन में खेली गई मैच जिताऊ पारी के बाद पंत की क्रिकेट जगत में खूब सराहना हुई। वहीं ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने पंत की बल्लेबाजी की तुलना बेन स्टोक्स की पारी से की। मैच के बाद लैंगर ने आगे कहा, "पंत की पारी ने मुझे हेडिंग्ले में बेन स्टोक्स की याद दिला दी। वह पिच पर आए और निडर होकर बल्लेबाजी की, जिसकी लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए।"