टी-20 विश्व कप 2022, दूसरा सेमीफाइनल: भारत बनाम इंग्लैंड मैच में खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विश्लेषण
टी-20 विश्व कप 2022 के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में गुरुवार को इंग्लैंड ने भारत को 10 विकेट से हरा दिया। इस शानदार जीत के साथ ही इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने फाइनल में प्रवेश किया। रविवार को खिताबी मुकाबले में इंग्लैंड का सामना पाकिस्तान से होगा। बात करें इस मुकाबले की तो कई खिलाड़ियों ने इसमें दमदार प्रदर्शन किया तो कुछ ने निराश भी किया। आइए इस मैच में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर एक नजर डालते हैं।
विराट कोहली की शानदार फॉर्म रही जारी
भारत के अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली ने अपेक्षा का अनुरूप इस नॉकआउट मुकाबले में अपनी शानदार फॉर्म को जारी रखा। हालांकि उनके प्रयास नाकाफी साबित हुए और उनके अर्धशतक के बावजूद टीम साधारण स्कोर तक ही पहुंच सकी। व्यक्तिगत तौर पर कोहली ने इस मुकाबले में अपने टी-20 अंतरराष्ट्रीय करियर का 37वां अर्धशतक (50 रन, 40 गेंद) जमाया। इस पारी के दौरान ही वे इस फॉर्मेट में 4,000 रन पूरे करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज भी बने।
हार्दिक पांड्या ने बल्लेबाजी से किया प्रभावित
ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने मुश्किल वक्त में शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपनी प्रतिभा दिखाई। परिस्थितियों को भांपते हुए उन्होंने शुरुआत में धीमी बल्लेबाजी और फिर अंत में सेट होने के बाद तेजी से रन भी बनाए। उन्होंने 109.91 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 33 गेंदों में 63 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने चार चौके और पांच छक्के जमाकर टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने चौथे विकेट के लिए कोहली के साथ 61 रनों की साझेदारी की।
जोस बटलर की शानदार कप्तानी पारी
इंग्लिश विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर ने इस अहम मुकाबले में अपनी भूमिका को ठीक से समझते हुए लाजवाब पारी खेली। शुरुआत में उन्होंने एलेक्स हेल्स को बल्लेबाजी का अधिक मौका दिया। अर्धशतक पूरा करने के बाद उन्होंने अपना आक्रामक रूप दिखाते हुए 49 गेंदों में नाबाद 80 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने 163.27 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए नौ चौके और तीन छक्के जमाए। ये उनके टी-20 अंतरराष्ट्रीय करियर का 19वां अर्धशतक रहा।
एलेक्स हेल्स की तूफानी पारी ने बदला मैच का पासा
मुकाबले में सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स की पारी निर्णायक साबित हुई। उन्होंने पारी की शुरुआत से ही भारतीय गेंदबाजी धुनाई करते हुए उन पर दबाव बना दिया, जिससे वे अंत तक नहीं उबर सके। उन्होंने सात छक्कों की मदद से 47 गेंदों में नाबाद 86 रन बनाए। ये उनके टी-20 अंतरराष्ट्रीय करियर का 12वां अर्धशतक रहा। इस पारी के दौरान ही उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के 2,000 रन भी पूरे कर लिए, ऐसा करने वाले वे तीसरे इंग्लिश बल्लेबाज बने।
जिम्मेदारी से नहीं खेले रोहित शर्मा, टीम को भी नहीं कर पाए प्रेरित
अहम मुकाबलों कप्तान की भूमिका सबसे अहम होती है, ये इस मुकाबले में बटलर ने दिखाया और पहले सेमीफाइनल में यही प्रभाव बाबर और विलियमसन ने भी दिखाया। रोहित शर्मा मैच में 100 से भी कम की औसत से केवल 27 रन बना पाए। विश्व कप के छह मैचों (27, 15, 2, 15, 53, 4) में वे सिर्फ 116 रन बनाए पाए। पिछले महीने दक्षिण के खिलाफ तीन टी-20 मैचों (0, 43, 0) में उन्होंने केवल 43 रन बनाए थे।
भारत के सभी गेंदबाज रहे प्रभावहीन
इस मुकाबले में भारत के लिए सबसे कमजोर पक्ष गेंदबाजी ही रही। बल्लेबाजी में औसत प्रदर्शन रहा ही, लेकिन खराब गेंदबाजी ने रही सही कसर भी पूरी कर दी। दिग्गज गेंदबाजों से भरी टीम 20 ओवर में एक विकेट तक के लिए तरस गई। इस हार ने पिछले विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ हार की याद ताजा की, जहां भी टीम ऐसे ही हारी थी। शमी, भुवनेश्वर, अश्विन और पांड्या ने 11 से ऊपर की इकॉनमी से रन लुटाए।
केएल राहुल ने कमजोर टीमों पर दिखाया जोर, ताकतवर के सामने रहे हल्के
केएल राहुल ने बड़े मुकाबले एक बार फिर टीम को निराश किया। उनके जल्दी आउट होने के कारण टीम दबाव में आ गई, जिससे काफी देर तक नहीं उबर सकी। कोहली को भी तेज से रन बनाने की बजाय विकेट पर टिकने पर अधिक ध्यान देना पड़ा। विश्व कप में उन्होंने कमजोर टीमों (जिम्बाब्वे और बांग्लादेश) के खिलाफ अर्धशतक जमाए और बड़ी टीमों, इंग्लैंड (5), दक्षिण अफ्रीका (9) और पाकिस्तान (4), के खिलाफ जल्दी आउट होकर चलते बने।