IPL 2022 में कैसा रहा सनराइजर्स हैदराबाद का प्रदर्शन, जानिए आंकड़े
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2022 में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) का सफर समाप्त हो चुका है। हैदराबाद ने सीजन की शुरुआत हार के साथ की थी और उन्होंने सीजन का अंत भी हार के साथ ही किया है। इस सीजन आठ मैच गंवाने वाली हैदराबाद अंक तालिका में आठवें स्थान पर रही। सीजन के आखिरी मैच में उन्हें पंजाब किंग्स ने आसानी से हराया। आइए आंकड़ों में जानते हैं इस सीजन कैसा रहा हैदराबाद का प्रदर्शन।
दूसरे हाफ में खोई हैदराबाद ने लय
लगातार दो हार के साथ सीजन की शुरुआत करने वाली हैदराबाद ने अगले पांच लगातार जीतते हुए जबरदस्त वापसी की थी। जब ऐसा लग रहा था कि हैदराबाद शानदार लय में तब उन्होंने टूर्नामेंट के दूसरे हाफ में लगातार पांच मैच गंवा दिए। शुरुआती 12 में से सात मैच गंवाने के बाद प्ले-ऑफ में जाने की उनकी उम्मीदें टूट चुकी थीं। इसके बाद सीजन के आखिरी दो में से भी एक मैच में उन्हें हार मिली।
अभिषेक शर्मा ने किया खूब प्रभावित
युवा अभिषेक शर्मा को इस सीजन ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और उन्होंने इसका जमकर फायदा उठाया। शर्मा ने 14 मैचों में 30.43 की औसत के साथ 426 रन बनाए और अपनी टीम के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने इस सीजन 75 के सर्वोच्च स्कोर के साथ दो अर्धशतक लगाए। वह इस सीजन सबसे अधिक रन बनाने वाले अनकैप्ड बल्लेबाज भी हैं। अभिषेक ने 47 चौके और 13 छक्के लगाए।
मलिक के लिए सपने जैसा रहा सीजन
तेज गेंदबाज उमरान मलिक के लिए यह सीजन किसी सपने से कम नहीं रहा। मलिक ने अपनी गति से हर क्रिकेट फैन और दिग्गज को प्रभावित किया। सीजन जैसे-जैसे आगे बढ़ा मलिक ने अपनी लाइन और लेंथ में भी सुधार किया। मलिक ने इस सीजन 14 मैचों में हैदराबाद के लिए सबसे अधिक 22 विकेट चटकाए। भले ही मलिक की इकॉनमी 9.03 की रही, लेकिन उनकी स्ट्राइक-रेट 13.40 की रही।
विलियमसन की बल्लेबाजी ने किया निराश
टीम के कप्तान केन विलियमसन ने सबसे अधिक निराश किया। विलियमसन से हैदराबाद को उम्मीदें थी कि वह टीम को अच्छी शुरुआत दिलाएंगे, लेकिन वह लगातार फेल हुए। विलियमसन ने 13 मैचों में 20 से भी कम औसत के साथ केवल 216 रन ही बनाए। इस सीजन विलियमसन के बल्ले से एक अर्धशतक निकला, लेकिन उन्होंने अपने रन 93.50 की स्ट्राइक-रेट से बनाए जो टी-20 क्रिकेट में बेहद खराब है।
विलियमसन ने कप्तानी में भी की चूक
विलियमसन ने खराब बल्लेबाजी के अलावा खराब कप्तानी भी की। अब्दुल समद को हैदराबाद ने बड़ी उम्मीदों के साथ रिटेन किया था, लेकिन उन्हें पूरे सीजन केवल दो ही मैच खेलने का मौका दिया गया। दूसरी ओर शशांक सिंह को 10 मैच खिलाए गए जिनमें उन्होंने केवल 69 रन बनाए। इसके अलावा बेंच पर बैठे श्रेयस गोपाल और ग्लेन फिलिप्स जैसे टी-20 के धुरंधरो को मौके ही नहीं दिए गए।