Page Loader
जब ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ छक्के से बचने के लिए फेंकी अंडरआर्म गेंद

जब ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ छक्के से बचने के लिए फेंकी अंडरआर्म गेंद

लेखन Neeraj Pandey
Feb 01, 2021
03:31 pm

क्या है खबर?

क्रिकेट के खेल को जेंटलमेंस गेम कहा जाता है, लेकिन अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जिससे विवाद खड़े होते हैं। कुछ इसी तरह की घटना आज से 40 साल पहले 01 फरवरी, 1981 को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए वनडे मुकाबले के दौरान हुई थी। मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ने अंतिम गेंद अंडरआर्म फेंक दी थी जिसके कारण विवाद शुरु हुआ था। आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम।

मामला

इस तरह चैपल ने फेंकी थी अंडरआर्म गेंद

01 फरवरी, 1981 को बेंसन एंड हेज्स वर्ल्ड सीरीज के तीसरे फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का मुकाबला हो रहा था। अंतिम गेंद पर न्यूजीलैंड को मैच जीतने के लिए सात और टाई कराने के लिए छह रनों की जरूरत थी। कंगारू कप्तान ग्रेग चैपल ने अपने भाई ट्रेवर चैपल से आखिरी गेंद अंडरआर्म फेंकने को कहा। उस समय ऐसा करना वैध था तो ट्रेवर ने गेंद फेंकी और न्यूजीलैंड मैच हार गया।

अंपायर

अंपायरों ने भी की थी गलती

ऑस्ट्रेलिया ने प्रोटोकॉल के हिसाब से मैदानी अंपायर्स को बता दिया था कि आखिरी गेंद अंडरआर्म फेंकी जाएगी। हालांकि, आखिरी गेंद के समय ऑस्ट्रेलिया की फील्डिंग में गड़बड़ी थी जिसे अंपायर ने नोटिस नहीं किया था। उस समय फील्डिंग पाबंदी के हिसाब से अधिक खिलाड़ी सर्किल से बाहर थे। यदि अंपायर ने इस चीज पर ध्यान दिया होता तो वह गेंद नो-बॉल होती और न्यूजीलैंड को एक और गेंद खेलने का मौका मिला होता।

नियम

विवाद बढ़ने के बाद ICC को लाना पड़ा नियम

चैपल द्वारा अंडरआर्म गेंद फेंकने का खूब विरोध हुआ और मामले में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री तक शामिल हुए थे। उस समय प्रधानमंत्री रहे रॉबर्ट मूलडून ने इस तरह की गेंद फेंकने की घटना को कायरता से भरा बताया था। इस घटना के बाद अंडरआर्म गेंद को इंटरनेशनल क्रिकेट में बैन कर दिया गया था। MCC द्वारा तैयार किए गए 21.1.2 नियम के मुताबिक अंडरआर्म गेंद को नो-बॉल माना जाएगा।

लेखा-जोखा

ऐसा रहा था मुकाबला

सीरीज के पहले दो में से एक-एक मैच दोनों टीमों ने जीते थे और यह तीसरा फाइनल मुकाबला था। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने ग्रेग चैपल (90) और ग्रीम वुड (72) की बदौलत 235/4 का स्कोर खड़ा किया था। ओपनिंग बल्लेबाज ब्रूस एल्गर (102*) की बदौलत किवी टीम 229/8 के स्कोर तक पहुंच सकी थी। ग्रेग चैपल ने ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे अधिक तीन विकेट हासिल किए थे।