राष्ट्रीय खेल दिवस 2024: भारत के कम चर्चित खेल सितारे, जिन्हें मिलनी चाहिए थी पहचान
क्या है खबर?
भारत में 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह दिन खिलाड़ियों और टीमों के सम्मान के लिए होता है।
वैश्विक मंच पर देश को गौरवान्वित करने वाले चैंपियन खिलाड़ियों के लिए यह दिन समर्पित किया जाता है।
हालांकि, कई ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने खेल में कमाल का प्रदर्शन किया था। कई रिकॉर्ड्स भी बनाए, लेकिन उन्हें वह पहचान नहीं मिली जिसके वो हकदार थे।
ऐसे में आइए वैसे खिलाड़ियों पर एक नजर डालते हैं।
#1
राही सरनोबत
निशानेबाज राही सरनबोत एशियाई खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने साल 2018 में यह कारनामा किया था।
वह अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (ISSF) विश्व कप में 2 बार स्वर्ण पदक जीतने वाली भी पहली भारतीय महिला निशानेबाज हैं।
इसके अलावा वह ओलंपिक के 25 मीटल पिस्टल स्पर्धा में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं।
राही महाराष्ट्र के कोल्हापुर गांव की हैं। हालांकि, इतनी उपलब्धि मिलने के बाद भी उन्हें ज्यादा पहचान नहीं मिली।
#2
पंकज आडवाणी
बिलियर्ड्स एवं स्नूकर में 26 बार वर्ल्ड टाइटल जीत चुके पंकज आडवाणी को भी वह पहचान नहीं मिली जिसके वह हकदार हैं।
उन्हें वर्ल्ड बिलियर्ड्स म्यूजियम के हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया है। उन्होंने 18 साल की उम्र में वर्ल्ड स्नूकर चैंपियनशिप को जीता था और यह खिताब जीतने वाले सबसे युवा भारतीय बने थे।
आडवाणी को 2004 में अर्जुन पुरस्कार, 2006 में खेल रत्न, 2009 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण मिल चुका है।
#3
दीपा मलिक
दीपा मलिक पैरालंपिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2016 रियो खेलों में 4.61 मीटर के थ्रो के साथ महिलाओं की शॉट पुट स्पर्धा में रजत पदक जीता।
उनको साल 2012 में अर्जुन पुरस्कार, 2017 में पद्म श्री और 2019 में मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
वह खेल रत्न पाने वालीं पहली महिला पैरा एथलीट हैं। हालांकि, लोगों के बीच उन्हें वह सम्मान नहीं मिला, जिसकी वह हकदार हैं।
#4
केडी जाधव
केडी जाधव का पूरा नाम खाशाबा दादासाहेब जाधव था। भले ही आज यह नाम लोगों की जुबां पर नहीं है, लेकिन उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की है। उसने नकारा नहीं जा सकता।
जाधव स्वतंत्र भारत के पहले खिलाड़ी थे, जिन्होंने ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीता था। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कुश्ती में कांस्य पदक जीता था।
जब जाधव पदक जीतकर वापस आए थे तो उनके स्वागत में 1-1 बैलगाड़ियों की यात्रा का इंतजाम किया गया था।