Page Loader
इंटरनेशनल क्रिकेट में धोनी ने पूरे किए 15 साल, एक नजर उनके स्वर्णिम सफर पर

इंटरनेशनल क्रिकेट में धोनी ने पूरे किए 15 साल, एक नजर उनके स्वर्णिम सफर पर

लेखन Neeraj Pandey
Dec 23, 2019
01:35 pm

क्या है खबर?

23 दिसंबर, 2004 को रांची के एक युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ने जब भारत के लिए अपना डेब्यू किया था तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह आगे चलकर सबसे महान भारतीय खिलाड़ियों में से एक बनेगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की जिन्होंने आज इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने 15 साल पूरे कर लिए हैं। भारत को ICC की तीनों ट्रॉफियां जिताने वाले धोनी के सफर पर एक नजर।

शुरुआती दौर

काफी खराब रही थी धोनी के करियर की शुरुआत

धोनी ने 23 दिसंबर, 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ अपना डेब्यू किया। डेब्यू मुकाबले में वह पहली गेंद पर ही रन आउट हो गए। बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने तीन मैचों में केवल 19 रन बनाए। इस प्रदर्शन के बावजूद उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज़ में टीम में जगह दी गई। पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में वह मात्र तीन रन बनाकर आउट हुए। आपको बता दें कि धोनी ने इन चारों मैचों में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी की थी।

बदलाव

बल्लेबाजी क्रम में हुआ बदलाव और दिखा धोनी का विस्फोटक अंदाज

पाकिस्तान के खिलाफ 05 अप्रैल, 2005 को विशाखापट्टनम में खेले गए मुकाबले में धोनी को तीसरे नंबर पर भेजा गया। भारत 26 के स्कोर पर ही सचिन तेंदुलकर का बड़ा विकेट गंवा चूका था और ऐसे में धोनी पर दुगना दबाव था। हालांकि, माही ने दबाव की परवाह किए बिना आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करनी शुरु की। मजबूत गेेंदबाजी के सामने धोनी ने 123 गेंदों में 148 रनों की पारी खेली और भारत को 356 के बड़े स्कोर तक पहुंचाया।

फ्लॉप

टॉप ऑर्डर में लगातार फ्लॉप होने लगे धोनी

पाकिस्तान के खिलाफ 148 रनों की पारी खेलने के बाद धोनी ने अगली 15 पारियों में 393 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने चार बार नंबर तीन और एक बार ओपनिंग की जिसमें उनका सर्वोच्च 47 का रहा। इसके बाद फिर धोनी को नीचे भेजा जाने लगा और उन्हें पांच बार नंबर छह पर उतारा गया। नंबर छह पर खेलते हुए धोनी ने एक अर्धशतक लगाया और वह मैच फिनिश करने लगे।

करियर बेस्ट

श्रीलंका के खिलाफ खेली अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी

31 अक्टूबर, 2005 को श्रीलंका ने भारत के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 का मजबूत स्कोर खड़ा किया था। जवाब में भारत ने सात के स्कोर पर ही सचिन का विकेट गंवा दिया और एक बार फिर धोनी को प्रमोट करके तीन नंबर पर भेजा गया। धोनी ने 145 गेंदों में 15 चौकों और 10 छक्कों की बदौलत नाबाद 183 रनों की पारी खेली। 46.1 ओवर में ही भारत ने मुकाबला अपने नाम किया।

जानकारी

अदभुत हैं धोनी के आंकड़े

धोनी अब तक सभी फॉर्मेट में मिलाकर 538 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। उनके नाम 17,226 रन दर्ज हैं। विकेट के पीछे धोनी ने 829 शिकार भी किए हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में धोनी 16 शतक और 108 अर्धशतक लगा चुके हैं।

कप्तानी

2007 में दिखाया कप्तानी का गुण

2007 वनडे विश्व कप में भारत के ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो जाने के बाद टी-20 विश्व कप में कई सीनियर खिलाड़ियों ने हिस्सा लेने से मना कर दिया। बेहद युवा टीम दक्षिण अफ्रीका भेजी गई और धोनी को टीम का कप्तान बनाया गया। शानदार क्रिकेटिंग माइंड रखने वाले धोनी ने बिना किसी उम्मीद के अफ्रीका भेजी गई युवा भारतीय टीम को टी-20 विश्व कप जिताया और कप्तानी के गुण का प्रदर्शन किया।

ICC

ICC की तीनों ट्रॉफियां जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं धोनी

2007 में टी-20 विश्व कप जिताने के बाद धोनी ने 2011 में भी कमाल किया। उनकी कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद 2011 में वनडे विश्व कप पर अपना कब्जा जमाया। 2013 में इंग्लैंड में खेली गई चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को हराकर भारत ने खिताब पर अपना कब्जा जमाया। इसके साथ ही धोनी ICC की तीनों ट्रॉफियां जीतने वाले इकलौते कप्तान बन गए।