
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा शतक जड़ने वाले सलामी बल्लेबाजों पर एक नजर
क्या है खबर?
टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज की भूमिका बेहद अहम होती है। नई गेंद, पिच की ताजगी और गेंदबाजों की धार का सामना करते हुए लंबी पारियां खेलना बेहद मुश्किल होता है। हालांकि, कुछ सलामी बल्लेबाज ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने न सिर्फ पारी की शुरुआत संभाली, बल्कि उसे बड़े शतकों में भी बदला। ऐसे में आइए ऐसे सलामी बल्लेबाजों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने इस प्रारूप में सबसे ज्यादा शतक लगाए हैं।
#1
सुनील गावस्कर (33 शतक)
इस सूची में पहले स्थान पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर हैं। उन्होंने सलामी बल्लेबाज के तौर 203 पारियों में 12 बार नाबाद रहते हुए 9,607 रन बनाए थे। उनके बल्ले से 33 शतक निकले थे और उनकी औसत 50.30 की रही थी। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 221 रन रहा था। गावस्कर ने सलामी बल्लेबाज के रूप में अपना पहला मैच साल 1971 में खेला था। आखिरी बार वह 1986 में खेलते हुए नजर आए थे।
#2
एलिस्टेयर कुक (31 शतक)
दूसरे स्थान पर पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज एलिस्टेयर कुक हैं, जिन्होंने बतौर सलामी बल्लेबाज 31 शतक जड़े थे। उन्होंने 278 पारियों में 11,845 रन बनाए, जिसमें उनकी औसत 44.87 की रही। कुक 14 बार नाबाद लौटे और टेस्ट में अपने संयम व तकनीक के लिए मशहूर रहे। उन्होंने सलामी बल्लेबाज के रूप में पहला मुकाबला 2006 में खेला था और 2018 में आखिरी बार मैदान पर नजर आए थे। उनकी गिनती इंग्लैंड के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में होती है।
#3
मैथ्यू हेडन (30 शतक)
मैथ्यू हेडन तीसरे स्थान पर हैं। ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने सलामी बल्लेबाज के तौर पर 30 शतक जड़े थे। उन्होंने 184 पारियों में 8,625 रन बनाए थे, जिसमें उनकी औसत 50.74 की थी। हेडन 14 बार नाबाद लौटे और लंबी पारियां खेलने के लिए मशहूर रहे। उन्होंने सलामी बल्लेबाज के रूप में 1994 में खेलना शुरू किया और 2009 में अपने टेस्ट करियर को अलविदा कहा। हेडन की आक्रामकता ने ऑस्ट्रेलिया को कई बार दमदार शुरुआत दिलाई।
#4
ग्रीम स्मिथ (27 शतक)
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ इस सूची में चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने सलामी बल्लेबाज के रूप में 27 टेस्ट शतक लगाए। स्मिथ ने 196 पारियों में कुल 9,030 रन बनाए और उनकी औसत 49.08 की रही। वे 12 बार नाबाद लौटे और अपनी गहरी तकनीक व साहसिक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने बतौर सलामी बल्लेबाज 2002 में टेस्ट करियर की शुरुआत की और 2014 में आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट में नजर आए थे।