जानिए क्या है स्मार्ट रिप्ले सिस्टम, जिसे IPL 2024 में किया जाएगा लागू
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 का आगाज 22 मार्च से होने वाला है। इस लीग में निर्णय लेने की सटीकता और तेजी बढ़ाने के लिए स्मार्ट रिप्ले सिस्टम का प्रयोग होने वाला है। इसके तहत टीवी अंपायर को 2 हॉक आई ऑपरेटरों से सीधे इनपुट प्राप्त होंगे। ये ऑपरेटर अंपायर के साथ बैठे होंगे और उन्हें 8 हाई स्पीड कैमरों द्वारा खींची गई तस्वीर ग्राउंड से दिखाएंगे। इससे टीवी ब्रॉडकास्टर अब ऑपरेटर और थर्ड अंपायर के बीच में नहीं आएंगे।
क्या है स्मार्ट रिप्ले सिस्टम?
ईएसपीएन क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार, स्मार्ट रिप्ले सिस्टम अंपायर को पहले से ज्यादा दृश्य देखने को देगा। उदाहरण के तौर पर समझें तो पहले अगर कोई खिलाड़ी बाउंड्री पर हवा में उड़कर कैच पकड़ता था तो ब्रॉडकास्टर सही समय पर फिल्डर के पैरों और हाथों की अलग-अलग स्क्रीन नहीं दिखा पाता था। नई प्रणाली में अंपायर को एक स्पिलट स्क्रीन पैर के साथ-साथ यह भी दिखा सकती है कि गेंद कब पकड़ी गई थी या कब छोड़ी गई थी।
ब्रॉडकास्टर को होती थी परेशानी
स्क्रीन यह भी दिखा सकती है कि ओवर थ्रो 4 रन के लिए चला गया है तो जब फिल्डर ने गेंद फेंकी तो बल्लेबाज एक दूसरे को क्रॉस कर चुके थे या नहीं। पहले ब्रॉडकास्टर के पास इसका भी स्पष्ट दृश्य नहीं होता था। वो 2 फूटेज को मिला नहीं पाते थे। किसी भी मुकाबले में 8 हॉक-आई कैमरे होते हैं। मैदान की दोनों स्ट्रेट बाउंड्री पर 2-2 और पिच के दाएं और बाएं तरफ भी कैमरे होते हैं।
ये बड़ा बदलाव भी होगा
IPL 2023 तक हॉक आई कैमरों का इस्तेमाल मुख्य रूप से बॉल ट्रैकिंग और अल्ट्राएज दिखाने के लिए होता था। इसी कारण LBW और गेंद के बल्ले का किनारा लेने के अलावा ब्रॉडकास्टर मैदान पर लिए गए रेफरल के लिए खुद के कैमरे से फुटेज का उपयोग करते थे। स्टपिंग, रनआउट, कैच और ओवर थ्रो सब इसी से दिखाए जाते थे, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होगा। ये सब भी स्मार्ट रिप्ले सिस्टम से दिखाया जाएगा।
स्टंपिंग रिव्यू में भी होगी आसानी
स्मार्ट रिव्यू सिस्टम आने के बाद टीवी अंपायर ऑपरेटर से स्टंपिंग रेफरल में भी स्प्लिट स्क्रीन दिखाने को बोल सकता है। गेंद और बल्ले के बीच कोई गैप होता है तो वह अल्ट्राएज की मांग नहीं करेगा और सीधे स्टंपिंग के रिप्ले को देखा जाएगा। स्टंपिंग के लिए नई प्रणाली से टीवी अंपायर को 3 इमेज दिखाई देगी। बता दें कि हॉक-आई कैमरे लगभग 300 फ्रेम प्रति सेकेंड पर रिकॉर्ड करते हैं। अब अंपायरों को काफी आसानी होगी।