भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका: टी-20 सीरीज में कौनसी चीजें रही सकारात्मक और कहां रही कमजोरी?
क्या है खबर?
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज 2-1 से मेजबान टीम के पक्ष में रही है।
मंगलवार को खेले गए तीसरे मैच में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 49 रन से हरा दिया।
केरल और गुवाहाटी में खेले गए शुरुआती दोनों मैच भारत ने जीते थे।
इस सीरीज से कुछ सकारात्मक चीजें निकलकर आई, तो वहीं कुछ कमियां भी उजागर हुईं।
आइए जानते हैं इस सीरीज से क्या अहम निष्कर्ष निकले।
#1
सूर्यकुमार यादव की बेहतरीन फॉर्म
सूर्यकुमार यादव ने टी-20 विश्व कप से पहले अपनी फॉर्म के बेहतरीन संकेत दिए हैं।
प्रोटियाज के खिलाफ तीन मैचों में उन्होंने 201.81 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 111 रन बनाए।
वे सीरीज में तीसरे सबसे सफल और भारत के सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।
गुवाहाटी में उन्होंने 22 गेंदों में पांच चौकों और पांच छक्कों की मदद से 61 रन बनाए थे।
वे इस साल टी-20 अंतरराष्ट्रीय में सर्वाधिक रन (801) बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
#2
प्रोटियाज के लिए हिट डिकॉक-मिलर की जोड़ी
दक्षिण अफ्रीका के लिए क्विंटन डिकॉक सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे, जबकि डेविड मिलर दूसरे सफल बल्लेबाज रहे।
डिकॉक ने तीन पारियों में 69 की औसत से दो अर्धशतकों के सहारे 138 रन बनाए।
मिलर ने इतनी ही पारियों में दो बार नाबाद रहते हुए 235.84 की स्ट्राइक रेट से 125 रन बनाए।
गुवाहाटी मैच में उन्होंने 47 गेंदों में नाबाद 106 रनों की पारी खेली थी।
दक्षिण अफ्रीका के लिए यह जोड़ी सकारात्मक चीज रही।
#3
अलग लय में दिखे केएल राहुल
स्टार भारतीय ओपनर केएल राहुल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में शानदार लय के साथ बल्लेबाजी की।
सीरीज के दो मैचों में 108 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 108 रन बनाए। उन्होंने दोनों पारियों में अर्धशतक जमाए।
पहले मैच में उनकी बल्लेबाजी (56 गेंदों में 51 रन) कुछ धीमी रही थी, लेकिन गुवाहाटी में तेजतर्रार पारी (204 की स्ट्राइक रेट से 28 गेंदों में 57 रन) खेलते हुए उन्होंने 'प्लेयर ऑफ द मैच' का पुरस्कार भी जीता।
#4
हर्षल पटेल की हुई खूब पिटाई
हर्षल पटेल ने तीसरे मैच में 12.12 की इकॉनमी से रन लुटाए। सीरीज में उन्होंने 9.54 की इकॉनमी से 82 रन लुटाए और दो विकेट ले पाए।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों मेंभी उन्होंने केवल एक विकेट लिया था।
डेथ ओवर्स में तो उनका प्रदर्शन लगातार खराब ही रहा है।
टी-20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने डेथ ओवर्स में 20 पारियों में 11.07 की इकॉनमी से रन लुटाए हैं।
टी-20 विश्व कप से पहले उनकी फॉर्म चिंता का विषय है।
#5
भारतीय गेंदबाजी फेल, डेथ ओवर्स में हालत और भी खराब
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे (221 रन) और तीसरे (227 रन) मैच में भारतीय गेंदबाजों को जमकर मार पड़ी। ये अपने आप में बड़ी चिंता है।
डेथ ओवर्स में तो ऐसा एक भी गेंदबाज नहीं दिखाई दिया जो रन गति रोक सके। साल 2022 में यही टीम की सबसे बड़ी कमजोरी रही है।
इस साल अंतिम ओवर्स में भारतीय गेंदबाजों भुवनेश्वर ने 11.37, चाहर ने 13.75, अर्शदीप ने 8.53 और बुमराह ने 11.00 की इकॉनमी से रन लुटाए हैं।