भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया: टी-20 सीरीज में भारतीय टीम का कौनसा पक्ष रहा मजबूत, क्या निकली कमजोरी?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज भारतीय टीम के पक्ष में रही है। रविवार को खेले गए तीसरे मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हरा दिया। इसके साथ ही भारत ने सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमा लिया। इस सीरीज से कहीं भारतीय क्रिकेट टीम की ताकत दिखी, तो वहीं कुछ कमियां भी उजागर हुई हैं। आइए जानते हैं इस सीरीज से क्या अहम निष्कर्ष निकले।
टॉप ऑर्डर में दिखा निरंतरता का अभाव
इस सीरीज में टीम के शुरुआती तीन बल्लेबाजों रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली की फॉर्म में निरंतरता का अभाव दिखा। ये तीनों ही केवल एक-एक अच्छी पारी खेल पाए। राहुल ने तीन पारियों (55, 10, 1) में 66 रन बनाए। वहीं रोहित ने तीन पारियों (11, 46, 17) में केवल 74 रन बनाए। विराट तीन पारियों (2, 11, 63) 76 रन बना पाए। आगामी टी-20 विश्व कप को देखते हुए इन तीनों को प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी।
अक्षर पटेल का चैंपियन प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज में सबसे सुखद खबर ऑलराउंडर अक्षर पटेल का दमदार प्रदर्शन रही। अक्षर ने कंगारूओं के खिलाफ अहम मौकों पर विकेट निकालकर टीम के लिए उपयोगी गेंदबाजी की। अक्षर ने तीन मैचों में सबसे ज्यादा आठ विकेट अपनी झोली में डाले। इस दौरान उनका औसत 7.88 और इकॉनमी 6.30 की रही। आगामी विश्व कप के लिए अक्षर की भूमिका काफी अहम रहने वाली है। वे रवींद्र जडेजा की कमी को पूरा करने में सक्षम हैं।
भुवनेश्वर की हुई जमकर पिटाई
अनुभवी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार इस सीरीज में केवल एक विकेट ले पाए। भुवी ने पहले मैच में चार ओवर में 52 रन लुटा दिए। वहीं तीसरे मैच में उन्होंने तीन ओवर में 39 रन दे दिए। खासकर डेथ ओवर्स में भुवी को जमकर मार खानी पड़ी। टी-20 अंतरराष्ट्रीय में भुवनेश्वर ने 56 पारियों के डेथ ओवर्स (16-20 ओवर्स) में गेंदबाजी की है, जिसमें उन्होंने 9.65 की इकॉनमी से रन लुटाए हैं। इस दौरान उन्होंने 31 विकेट लिए।
तीन मैचों में सिर्फ एक विकेट ले पाए हर्षल पटेल
चोट के बाद वापसी करने वाले तेज गेंदबाज हर्षल पटेल का सीरीज में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। हर्षल ने तीन मैचों में 10 की इकॉनमी से रन लुटाए और केवल एक विकेट ले पाए। डेथ ओवर्स में तो हर्षल का प्रदर्शन और भी खराब रहा है। टी-20 अंतरराष्ट्रीय में हर्षल ने डेथ ओवर्स में 17 पारियों में 11.30 की इकॉनमी से रन लुटाए हैं। इस दौरान उन्हें 23 छक्के पड़े और वे सिर्फ 11 विकेट ले पाए।
फील्डिंग में औसत रहा भारत का प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम की फील्डिंग काफी औसत दर्जे की रही। टीम ने कई अहम मौकों पर कैच टपकाए जिससे चलते मैच में बड़ा अंतर पैदा हुआ। पहले टी-20 अंतरराष्ट्रीय में टीम को 208 रन बनाने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में तीन कैच छोड़ने का खामियाजा हार के रूप में चुकाना पड़ा। दूसरे मैच में दिशाहीन गेंदबाजी और खराब फील्डिंग के चलते आठ ओवर में ही ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 90 तक पहुंच गया।