वनडे विश्व कप 2023 में उपविजेता रही भारतीय क्रिकेट टीम, जानिए कैसा रहा अभियान
वनडे विश्व कप 2023 में भारतीय क्रिकेट टीम उपविजेता रही। बीते रविवार (19 नवंबर) को खेले गए फाइनल मैच में ऑस्ट्रलिया क्रिकेट टीम ने मेजबान टीम को 6 विकेट से हरा दिया। कंगारू टीम ने जीत के लिए मिले 241 रनों के लक्ष्य को ट्रेविस हेड के बड़े शतक (137) की बदौतल हासिल किया। ऑस्ट्रेलिया ने अपना छठा खिताब जीता, जबकि भारत तीसरी बार विश्व विजेता बनने से चूक गया। आइए भारत के अभियान पर नजर डालते हैं।
लीग स्टेज में अजेय रहा भारत
भारत ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ 6 विकेट से जीत दर्ज करते हुए अपने अभियान की जोरदार शुरुआत की। अपने दूसरे मैच में अफगानिस्तान के खिलाफ 8 विकेट से आसान जीत दर्ज की। इसके बाद भारत ने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ 7 विकेट से जीत दर्ज की। न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर भारत ने अपना अभियान जारी रखा। आखिर में इंग्लैंड, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और नीदरलैंड भी क्रमशः भारत का विजय रथ नहीं रोक सके।
सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड की चुनौती को किया पार
भारत ने वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड को 70 रन से हराया। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत से विराट कोहली (117) और श्रेयस अय्यर (105) ने शतक लगाए। उनके अलावा शुभमन गिल ने 80 रन का योगदान दिया। जवाब में कीवी टीम 48.5 ओवर में 327 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। न्यूजीलैंड की ओर से डेरिल मिचेल (134) ने शतक लगाया, लेकिन टीम को हार से नहीं बचा सके।
पाकिस्तान के खिलाफ अपना वर्चस्व रखा बरकरार
भारत ने अहमदाबाद में खेले गए मैच में पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया। भारत ने जीत के लिए मिले 192 रनों के लक्ष्य को 30.3 ओवर में हासिल किया। यह भारत के खिलाफ पाकिस्तान की वनडे विश्व कप में लगातार 8वीं हार थी।
कोहली और रोहित के बल्ले से खूब निकले रन
इस विश्व कप में कोहली ने 11 पारियों में 95.62 की औसत और 90.31 की स्ट्राइक रेट के साथ सर्वाधिक 765 रन बनाए। इस बीच उनके बल्ले से 3 शतक और 6 अर्धशतक भी निकले। इस संस्करण में कोहली के बाद दूसरे सर्वाधिक रन रोहित ने बनाए। भारतीय कप्तान ने 54.27 की औसत और 125.94 की स्ट्राइक रेट के साथ 597 रन अपने नाम किए। वह एक संस्करण में सर्वाधिक रन बनाने वाले कप्तान बन गए।
कोहली 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुने गए
कोहली अब 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' बनने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय बने हैं। उनसे पहले 2003 में सचिन तेंदुलकर और 2011 में युवराज सिंह 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' बने थे। उन्होंने एक संस्करण में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।
अन्य बल्लेबाजों ने भी किया अच्छा प्रदर्शन
अय्यर के लिए भी यह संस्करण अच्छा बीता। उन्होंने 11 मैचों में 66.25 की उम्दा औसत और 113.24 की स्ट्राइक रेट के साथ 530 रन बनाए। इस बीच उनके बल्ले से 2 शतक और 3 अर्धशतक निकले। राहुल ने 10 पारियों में 75.33 की औसत और 90.76 की स्ट्राइक रेट से 452 रन बनाए, जिसमें 1 शतक भी शामिल रहा। शुभमन गिल ने 106.94 की स्ट्राइक रेट से 354 रन बनाए, जिसमें 4 अर्धशतक भी शामिल रहे।
शमी ने किया अविश्वसनीय प्रदर्शन
मोहम्मद शमी ने इस विश्व कप में सिर्फ 7 मैच खेले, जिसमें 10.70 की अविश्वसनीय औसत और 5.26 की इकॉनमी रेट के साथ सर्वाधिक 24 विकेट ले लिए। दिलचस्प बात यह रही कि शमी को शुरुआती कुछ मैचों में बेंच पर बैठाया गया था। उनके बाद ऑस्ट्रेलिया के एडम जैम्पा रहे, जिन्होंने 5.36 की इकॉनमी रेट के साथ 23 विकेट लिए। ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर ने सभी 11 मैच खेले।
ऐसा रहा अन्य गेंदबाजों का प्रदर्शन
जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा। भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज ने 11 मैचों में 18.65 की औसत और 4.06 की इकॉनमी रेट के साथ 20 विकेट लिए। रविंद्र जडेजा ने 11 मैचों में 4.25 की इकॉनमी रेट के साथ 16 विकेट अपने नाम किए। कुलदीप यादव ने 4.45 की इकॉनमी रेट के साथ 15 विकेट चटकाए। मोहम्मद सिराज ने 33.50 की औसत और 5.68 की इकॉनमी रेट से 14 विकेट लिए।
दूसरी बार उपविजेता बना भारत
भारतीय टीम एक दशक से लम्बे अंतराल के बाद विश्व कप के फाइनल में उतरी थी, लेकिन अपना तीसरा खिताब नहीं जीत सकी। भारत दूसरी बार इस वैश्विक प्रतियोगिता में उपविजेता बना है। बता दें कि भारत ने कपिल देव की कप्तानी में 1983 में और महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में 2011 में खिताब पर कब्जा जमाया था। इसके अलावा भारतीय टीम सौरव गांगुली की कप्तानी में विश्व कप 2003 में भी उपविजेता रही थी।