कोच के तौर पर कैसा रहा है राहुल द्रविड़ का अब तक का सफर?
टी-20 विश्व कप के बाद राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम के अगले हेड कोच बनने वाले हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के करीबी सूत्रों के मुताबिक द्रविड़ को 2023 तक का कॉन्ट्रैक्ट दिया जाने वाला है। काफी समय से भारतीय बोर्ड द्रविड़ को इस पद के लिए राजी करने के लिए मेहनत कर रही थी। आइए एक नजर डालते हैं एक कोच के तौर पर अब तक कैसा रहा है द्रविड़ का सफर।
2014 में राजस्थान रॉयल्स के साथ की शुरुआत
2013 में क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद द्रविड़ 2014 में राजस्थान रॉयल्स के कोच बने थे। पहले सीजन में टीम ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए पांचवे स्थान पर रहते हुए सीजन खत्म किया था। बेहतर रन रेट होने के कारण मुंबई इंडियंस प्लेऑफ में पहुंची थी और राजस्थान ने मौका गंवा दिया था। अगले सीजन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर के खिलाफ एलिमिनेटर मुकाबला हारने वाली राजस्थान तीसरे स्थान पर रही थी।
भारतीय अंडर-19 और A टीम के कोच बने द्रविड़
राजस्थान रॉयल्स का साथ छोड़ने के बाद द्रविड़ भारतीय अंडर-19 टीम के कोच बने थे और उन्होंने कोच के रूप में शुरुआत में ही काफी अधिक सफलता हासिल की थी। 2016 में खेले गए अंडर-19 विश्व कप में उनकी टीम उपविजेता रही थी। इस दौरान द्रविड़ की देखरेख में ऋषभ पंत, ईशान किशन और वाशिंग्टन सुंदर जैसे खिलाड़ी सामने आए थे जिनमें से पंत वर्तमान समय में भारतीय टीम के अहम खिलाड़ी बन चुके हैं।
2017 में IPL छोड़कर भारतीय टीम को चुना
भारतीय अंडर-19 टीम का कोच रहते हुए भी द्रविड़ दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ दो सीजन के लिए जुड़े हुए थे। इसके बाद हितों के टकराव का मामला सामने आने के बाद द्रविड़ के सामने IPL या भारतीय टीम में से किसी एक को चुनने का विकल्प आ गया था। द्रविड़ ने भारतीय टीम के साथ रहने का निर्णय लिया और अंडर-19 तथा A टीम में नए टैलेंट्स लाने का सिलसिला शुरु किया।
2018 में भारत को जिताया अंडर-19 विश्व कप
2018 में भारतीय अंडर-19 टीम ने विश्वकप का खिताब जीता और द्रविड़ को कोच के रूप में पहला बड़ा खिताब दिलाया। शुभमन गिल, पृथ्वी शॉ, कमलेश नागरकोटी और शिवम मावी जैसे स्टार इस टूर्नामेंट से सामने आए थे।
लगातार भारत के लिए नई पीढ़ी के क्रिकेटर्स तैयार कर रहे थे द्रविड़
2019 में द्रविड़ ने बेंगलुरू स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) को डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट ऑपरेशन के रूप में ज्वाइन किया था। NCA जाने के पीछे भी द्रविड का लक्ष्य युवा क्रिकेटर्स को संवारने का ही था। पिछले 6 सालों से द्रविड़ चुपचाप भारत के तमाम युवा क्रिकेटर्स के भविष्य को संवार रहे हैं। संजू सैमसन और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज तमाम इंटरव्यू में यह कह चुके हैं कि उन्हें इतना आगे पहुंचाने में द्रविड़ का काफी अहम रोल रहा है