वॉर्नर अकेले कसूरवार नहीं थे, हटना चाहिए कप्तानी पर लगा बैन- ग्रेग चैपल
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के स्टार ओपनर डेविड वॉर्नर पर आजीवन ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी नहीं कर पाने का बैन लगाया गया है। 2018 में हुई बॉल-टैंपरिंग के बाद वॉर्नर पर यह बैन लगाया गया था। तमाम लोगों को लगता है कि वॉर्नर पर यह बैन लगाना उचित नहीं है और अब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्रेग चैपल ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। चैपल का कहना है कि वॉर्नर पर से कप्तानी बैन हटाया जाना चाहिए।
वॉर्नर को क्यों अलग तरह से किया जा रहा ट्रीट?- चैपल
चैपल ने कहा कि जो घटना हुई थी उसमें डेविड वार्नर अकेले कसूरवार नहीं थे तो फिर उन्हें अलग तरीके से क्यों ट्रीट किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने अपनी सजा झेली है। वह एक शानदार लीडर हैं और इस बात में कोई शक नहीं है कि यदि उन्हें कप्तानी करने का मौका मिला होता तो निश्चित रूप से उन्होंने यह काम शानदार तरीके से किया होता।"
वॉर्नर को मिलना चाहिए कप्तानी का मौका- चैपल
चैपल ने आगे कहा, "मेरे हिसाब से उन्होंने अपनी गलती के लिए पेनल्टी भर दी है और अब आगे बढ़कर उनके लिए कप्तानी के दरवाजे खोले जाने की जरूरत है।"
किस घटना के कारण लगा था वॉर्नर पर बैन?
2018 की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर ऑस्ट्रेलियाई टीम बॉल-टैंपरिंग में फंसी थी। कैमरून बैंक्राफ्ट को कैमरे पर गेंद के साथ छेड़छाड़ करते हुए देखा गया था। बाद में पता चला था कि कप्तान स्टीव स्मिथ और उप-कप्तान वॉर्नर को इसके बारे में पता था। वॉर्नर और स्मिथ को 12-12 तो वहीं बैंक्राफ्ट पर नौ महीने का बैन लगाया गया था। वॉर्नर को आजीवन कप्तानी से भी बैन किया गया था।
स्मिथ पर केवल एक साल के लिए ही लगा था कप्तानी बैन
टीम का उप-कप्तान होने के बावजूद वॉर्नर पर आजीवन कप्तानी का बैन लगाया गया तो वहीं कप्तान रहने वाले स्मिथ पर ऐसा कोई बैन नहीं लगा। स्मिथ पर केवल एक साल के लिए कप्तानी का बैन लगा था। 2021-22 एशेज सीरीज में स्मिथ ऑस्ट्रेलिया की टीम के उप-कप्तान थे। चैपल ने उन तमाम लोगों के मन की बात बोली है जिन्हें लगता है कि वॉर्नर के साथ गलत हुआ है।