भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने अपने पद से दिया इस्तीफा
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के विश्व कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद मुख्य कोच ग्राहम रीड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारत संयुक्त रूप से नौवें स्थान पर रहा था। रीड के कार्यकाल के दौरान ही भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था, जो बड़ी उपलब्धि थी। आइए इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
हॉकी इंडिया के साथ काम करना सम्मान की बात- रीड
रीड ने भारतीय टीम के साथ अपने कार्यकाल के बारे में कहा, "टीम और हॉकी इंडिया के साथ काम करना सम्मान और सौभाग्य की बात है और मैंने इस शानदार यात्रा के हर पल का आनंद लिया है। मैं इसके लिए टीम को शुभकामनाएं देता हूं।" रीड के साथ-साथ विश्लेषणात्मक कोच ग्रेग क्लार्क और वैज्ञानिक सलाहकार मिशेल डेविड पेम्बर्टन ने भी सोमवार को अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
रीड के कार्यकाल में भारत की उपलब्धियों पर एक नजर
रीड ने अप्रैल 2019 में नीदरलैंड के सहायक कोच के रूप में अपना पद छोड़कर भारत के मुख्य कोच की भूमिका संभाली थी। उन्होंने भारत को 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक दिलाने में मदद की, जिससे टूर्नामेंट में पदक के लिए भारत का 41 साल लम्बा इंतजार खत्म हुआ था। इसके बाद भारत ने बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भी रजत जीता। इसके अलावा FIH हॉकी प्रो लीग 2021-22 में तीसरा स्थान हासिल किया था।
विश्व कप में भारतीय टीम ने किया निराशाजनक प्रदर्शन
भारत ने पूल-D में अपने शुरुआती मैच में स्पेन को 2-0 से हराया और इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ गोल रहित ड्रॉ खेला। मेजबान टीम ने पूल-D में दूसरे स्थान पर रहते हुए वेल्स को 4-2 से हराया। क्रॉसओवर मैच में भारत न्यूजीलैंड से भिड़ा, लेकिन शूटआउट में हार गया। इसके बाद प्लेसमेंट प्लेऑफ में भारत ने जापान (8-0) और दक्षिण अफ्रीका (5-2) के खिलाफ जीत दर्ज करके अपने अभियान का अंत किया।
बतौर मेजबान सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश बना भारत
भारत अर्जेंटीना के साथ संयुक्त रूप से नौवें स्थान पर रहा। यह पुरुषों के हॉकी विश्व कप में किसी मेजबान देश द्वारा अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। इससे पहले भी बतौर मेजबान सबसे खराब प्रदर्शन का रिकॉर्ड भारत के नाम दर्ज था, जब 2010 में भारतीय टीम आठवें स्थान पर रही थी। प्रतियोगिता की मेजबानी करते हुए मलेशिया (कुआलालंपुर 2002) और अर्जेंटीना (ब्यूनस आयर्स 1978) भी आठवें स्थान पर रहे हैं।