टोक्यो ओलंपिक: ब्रिटेन को हराकर 49 साल बाद ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय पुरुष हॉकी टीम
क्या है खबर?
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से क्वार्टर फाइनल में हराते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। 1972 के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय टीम ने ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई है।
टोक्यो ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7-1 की हार को छोड़ दें तो अब तक भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है।
पहला क्वार्टर
पहले क्वार्टर में भारत ने हासिल की बढ़त
आठवें मिनट में इंग्लैंड के डिफेंडर ने गलती की और अपने ही हाफ में गेंद भारतीय खिलाड़ी को दे बैठे। बिना किसी गलती के गेंद एकदम फ्री घूम रहे दिलप्रीत सिंह के पास पहुंची और उन्होंने गोलकीपर के पैरों के बीच से गोल दागते हुए भारत को 1-0 से आगे कर दिया।
क्वार्टर खत्म होने से ठीक पहले इंग्लैंड ने भी आक्रमण किया, लेकिन भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने शानदार बचाव करते हुए गोल होने से बचाया।
दूसरा क्वार्टर
दूसरे क्वार्टर के पहले मिनट में ही भारत ने दागा दूसरा गोल
दूसरे क्वार्टर के पहले मिनट में ही भारत की बढ़त 2-0 हो चुकी थी। इस बार का गोल गुरजंत सिंह ने दागा। एक बार फिर इंग्लिश डिफेंडर की गलती पर भारत को गेंद मिली और गुरजंत गेंद रिसीव करने के लिए सही जगह मौजूद थे। उन्होंने टर्न लेते हुए शानदार गोल दागा।
इंग्लैंड ने वापसी की काफी कोशिशें की, लेकिन श्रीजेश ने लगातार अच्छे बचाव करके उन्हें ऐसा करने से रोका।
तीसरा और चौथा क्वार्टर
ऐसा रहा तीसरा और चौथा क्वार्टर
तीसरे क्वार्टर में इंग्लैंड ने अधिक दबाव बनाया और लगातार पहले गोल की तलाश में दिखे। क्वार्टर समाप्त होने से एक मिनट पहले इंग्लैंड को लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले। अंतिम कॉर्नर पर वॉर्ड ने गोल दागकर इंग्लैंड को पहला गोल दिलाया।
अंतिम क्वार्टर में इंग्लैंड ने लगातार आक्रमण किया, लेकिन मैच समाप्त होने से तीन मिनट पहले हार्दिक सिंह ने गोल दागते हुए भारत की जीत पक्की कर दी।
सेमीफाइनल
1972 के बाद पहली बार ओलंपिक सेमीफाइनल खेलेगा भारत
भारत ने आखिरी बार ओलंपिक सेमीफाइनल 1972 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 1980 में भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन उस बार सेमीफाइनल खेला ही नहीं गया था।
वास्तविक 12 में से नौ टीमों ने विरोध के स्वरूप में ओलंपिक में हिस्सा ही नहीं लिया था और इस वजह से केवल छह टीमों ने ही ओलंपिक खेला था।