इन गेंदबाजों ने अपने वनडे डेब्यू मैच में ही लगा दी थी हैट्रिक
क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज के लिए तीन गेंदों पर लगातार तीन विकेट लेना काफी कठिन काम होता है। वनडे क्रिकेट में अब तक केवल 48 बार ही ऐसा मौका आया है जब किसी गेंदबाज ने हैट्रिक ली है। यदि कोई युवा गेंदबाज अपने डेब्यू मैच में ही हैट्रिक ले ले तो फिर इससे बेहतरीन शुरुआत उसके लिए हो ही नहीं सकती है। एक नजर डालते हैं वनडे डेब्यू पर हैट्रिक लेने वाले चार गेंदबाजों पर।
बांग्लादेश के तैजुल इस्लाम (2014)
ढाका में पहले बल्लेबाजी कर रही जिम्बाब्वे के खिलाफ स्पिनर तैजुल इस्लाम डेब्यू वनडे में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे। इस्लाम ने अपने पहले ओवर की पहली औऱ आखिरी गेंद पर विकेट लिए। अगले ओवर की पहली दो गेंदों पर विकेट लेते हुए उन्होंने अपनी हैट्रिक पूरी की थी। उन्होंने सात ओवरों में केवल 11 रन खर्च करते हुए चार विकेट लिए थे और जिम्बाब्वे 128 के स्कोर पर सिमटी थी।
दक्षिण अफ्रीका के कगीसो रबाडा (2015)
बांग्लादेश के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका का मैच बारिश के कारण 40 ओवरों का हो गया था। इस मैच में ही कगीसो रबाडा ने अपना वनडे डेब्यू किया और दूसरे ओवर की पहली तीन गेंदों पर कोई रन नहीं देने के बाद अगली तीन गेंदों में तीन विकेट चटकाए। रबाडा ने मैच में केवल 16 रन खर्च करते हुए छह विकेट चटकाए और बेस्ट वनडे डेब्यू का रिकॉर्ड बनाया।
श्रीलंका के वनिंदु हसरंगा (2017)
श्रीलंका के खिलाफ गाले में पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे ने 147 के स्कोर पर सात विकेट गंवा दिए थे। युवा स्पिनर वनिंदु हसरंगा अपना तीसरा ओवर फेंकने आए और हैट्रिक लेते हुए जिम्बाब्वे की पारी 155 पर समेट दी। लक्क्षन संदाकन ने सबसे ज़्यादा चार विकेट लिए थे। जवाब में उपुल थरंगा (75) की बदौलत श्रीलंका ने मैच को सात विकेट और 119 गेंद शेष रहते अपने नाम कर लिया था।
श्रीलंका के वनडे डेब्यू पर हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज मधुसंका (2018)
त्रिकोणीय सीरीज़ के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 221 के स्कोर का पीछा कर रही बांग्लादेश 127 के स्कोर पर छह विकेट गंवा चुकी थी। वनडे डेब्यू कर रहे श्रीलंकाई तेज गेंदबाज शेहान मधुसंका ने अपने छठे और पारी के 40वें ओवर की आखिरी दो गेंदों पर दो विकेट लिए। अपने सातवें ओवर की पहली गेंद पर विकेट लेते ही उन्होंने अपनी हैट्रिक पूरी कर ली। हालांकि, यह मधुसंका का इकलौता वनडे रहा है।