न्यूजीलैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका: अपने पहले टेस्ट शतक से चूके डेविड बेडिंघम, जानिए उनके आंकड़े
क्या है खबर?
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम और न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज डेविड बेडिंघम ने (87) शानदार पारी खेली है।
529 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका टीम की ओर से केवल बेडिंघम ही ऐसे बल्लेबाज रहे, जिन्होंने अकेले कीवी गेंदबाजों के सामने संघर्ष किया।
यह उनके टेस्ट करियर का सिर्फ दूसरा ही अर्धशतक है।
आइए उनके आंकड़ों पर एक नजर डाल लेते हैं।
पारी
कैसी रही बेडिंघम की पारी और साझेदारी?
दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में सिर्फ 73 रन पर 4 बल्लेबाज पवेलियन लौट गए थे। बेडिंघम ने यहां से पारी को संभाला और 96 गेंद का सामना करते हुए 87 रन बनाए।
उनके बल्ले से 13 चौके और 3 कमाल के छक्के निकले। उनकी स्ट्राइक रेट 90.62 की रही।
उन्होंने कीगन पीटरसन के साथ 143 गेंद में 105 रन की साझेदारी निभाई। इस साझेदारी में पीटरसन का योगदान सिर्फ 16 रन का था।
टेस्ट
कैसा रहा है बेडिंघम का टेस्ट करियर?
बेडिंघम ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला मैच भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ दिसंबर 2023 में खेला था।
उन्होंने अब तक 3 टेस्ट मैच खेले हैं और इसकी 5 पारियों में 39.60 की औसत के साथ 198 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से 2 अर्धशतक निकले हैं। उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी 87 रन की रही है।
भारतीय टीम के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में ही बेडिंघम ने अर्धशतक लगाया था और 56 रन की पारी खेली थी।
प्रथम श्रेणी
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कमाल के हैं बेडिंघम के आंकड़े
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बेडिंघम ने 2013 में डेब्यू किया था। उन्होंने अब तक क्रिकेट के इस फॉर्मेट में 88 मुकाबले खेले हैं और इसकी 139 पारियों में 48.95 की उम्दा औसत के साथ 6,070 रन बनाए हैं।
वह अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर में 18 शतक और 23 अर्धशतक लगा चुके हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 257 रन रहा है और वह 15 बार नाबाद भी रहे हैं।
लिस्ट-A क्रिकेट में उन्होंने 42.00 की औसत से 1,470 रन बनाए हैं।
संघर्ष
इंग्लैंड खेलने चले गए थे बेडिंघम
बेडिंघम का जन्म साल 1994 में दक्षिण अफ्रीका के जॉर्ज शहर में हुआ था। अंडर-19 क्रिकेट में भी वह दक्षिण अफ्रीका की टीम का हिस्सा थे।
साल 2020 में उन्हें लगा था कि दक्षिण अफ्रीका की टीम में उन्हें मौका नहीं मिलेगा, इसलिए वह इंग्लैंड चले गए थे और वहां उन्होंने डरहम के लिए क्रिकेट खेली।
वह डरहम के लिए लगातार खेलते रहे और काउंटी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया। उनके प्रदर्शन को देखकर ही उन्हें वापस बुलाया गया।