BCCI ने IPL 2021 से सॉफ्ट सिग्नल के नियम को हटाया- रिपोर्ट
क्या है खबर?
पिछले कुछ दिनों से सॉफ्ट सिग्नल के नियम को लेकर काफी चर्चा हो रही है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अब इसको लेकर एक बड़ा कदम उठाया है।
Sportstar के मुताबिक आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से बोर्ड ने सॉफ्ट सिग्नल के नियम को हटा लिया है। इस बार IPL में मैदानी अंपायर तीसरे अंपायर के पास फैसला भेजने से पहले कोई सॉफ्ट सिग्नल का निर्णय नहीं दे सकेंगे।
आइए जानते हैं पूरी खबर।
बदलाव
बदलाव के बाद अब ऐसे तीसरे अंपायर के पास जाएंगे फैसले
पहले के नियम के हिसाब से यदि मैदानी अंपायर्स को कोई फैसला तीसरे अंपायर के पास भेजना है तो उससे पहले उन्हें आउट या नॉटआउट का निर्णय देना होता था। इस निर्णय से पहले वह लेग अंपायर के साथ बातचीत करते थे।
अब के नियम में अंपायर सीधे फैसले को तीसरे अंपायर के पास भेजेंगे और तकनीकी की सहायता से तीसरा अंपायर निर्णय लेगा। तीसरे अंपायर की तरफ से उचित निर्णय मिलने की उम्मीद में ऐसा किया गया है।
नियम
क्या है सॉफ्ट सिग्नल का नियम?
मैच में किसी करीबी मामले में मैदानी अंपायर को तीसरे अंपायर से पूछने से पहले अपनी तरफ से एक निर्णय लेना होता है जिसे सॉफ्ट सिग्नल कहा जाता है। इसके बाद तीसरा अंपायर रीप्ले में हर एंगल से साफ सबूत खोजने की कोशिश करता है।
यदि ऐसे सबूत मिलते हैं कि कैच सही तरीके से नहीं लिया गया है तो सॉफ्ट सिग्नल को बदला जा सकता है, लेकिन सबूत नहीं मिलने पर सॉफ्ट सिग्नल कायम रहता है।
नियमों में बदलाव
इस बार के IPL में बदले मिलेंगे कई नियम
इस बार IPL में कई नियमों में बदलाव देखने को मिलेगा जिनमें पूरे 20 ओवर 90 मिनट में खत्म करना भी शामिल होगा।
बिना किसी बाधा वाले मैच में टाई रहे मैच का सुपर ओवर मैच समाप्त होने के बाद लगातार एक घंटे तक खेला जा सकता है।
यदि किसी बल्लेबाज ने शॉर्ट रन दौड़ा है तो इस पर तीसरे अंपायर की निगाह रहेगी और वह मैदानी अंपायर को इस बारे में जानकारी देगा।
IPL 2021
बॉयो-सेक्योर वातावरण में 9 अप्रैल से शुरु होगा टूर्नामेंट
पिछले सीजन की तरह ही यह सीजन भी बॉयो-सेक्योर वातावरण में खेला जाएगा। खिलाड़ियों और टीम के अन्य सभी सदस्यों को सात दिन क्वारंटाइन में रहना होगा और इसके बाद ही वे बॉयो-बबल का हिस्सा बन सकेंगे।
इस सीजन की शुरुआत 9 अप्रैल से दर्शकों के बिना होगी, लेकिन आगे चलकर परिस्थिति के हिसाब से दर्शकों को मैदान में आने की छूट दी जा सकती है। यह सीजन छह शहरों में खेला जाएगा।